- चौतरफा सवाल- राजस्व के लिए शराब को मंजूरी तो कारोबार से क्यों दूरी?
कोरोना सक्रमित मरीजों के आंकड़ों में कमी आने के बाद अब बाजार खोलने और प्रतिबंध खत्म करने की मांग उठ रही है। खुद वाणिज्यिक कर विभाग ने गिरते टैक्स का हवाला देते हुए मप्र शासन से कहा है कि वह कारोबार खोलने को लेकर और अधिक रियायत देने पर विचार करे, ताकि टैक्स आए और लोगों का भी अधिक से अधिक रोजगार चल सके।
आंकड़ों पर नजर डालें तो शराब की बिक्री से इंदौर से हर दिन मप्र सरकार को करीब 3 करोड़ का राजस्व मिलता है, वहीं पेट्रोल-डीजल की बिक्री सामान्य होने पर हर दिन करीब 5 करोड़ का राजस्व मिलता है, लेकिन यदि कारोबार खासकर कार की बिक्री, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, ज्वेलरी शॉप, कपड़ा बाजार, रेस्त्रां, होटल आदि सामान्य चलते हैं तो इससे हर दिन औसतन 12 करोड़ का राजस्व केवल इंदौर से ही मिलता है। ऐसे में जो शराब दुकानों को अभी राजस्व का हवाला देते हुए खोलने की छूट दे रखी है। यदि इनकी जगह सामान्य कारोबार को खोल दें तो शासन को इससे 4 गुना अधिक राजस्व मिलेगा।
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