भोपाल गरुवार से अनलॉक हो रहा है, लेकिन इंदौर अब भी पाबंदियों के बीच ही है। कारोबारी राजधानी में व्यापार के हाल यह हैं कि तीन महीने में शहर के चार कपड़ा बाजार को ही 45 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। स्थिति यह है कि बाजार बंद होने के बाद भी दुकान किराया, स्टॉफ की सैलरी आदि पर 40 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए महीने का खर्च हो रहा है। सीजन के गिने-चुने दिन बाकी हैं। अब तक सिर्फ थोक कारोबार को चार घंटे की छूट दी गई है। सीतलामाता बाजार व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमा पंजवानी बताते हैं कि इस सीजन के 10 से 12 दिन बचे हैं। फिर दिवाली पर ही बाजार में उठाव आएगा।
नलिया बाखल व्यापारी एसो. अध्यक्ष सतीश गिरी के अनुसार, चारों बाजार का टर्नओवर आम दिनों में 50 लाख रुपए रोज होता है। अभी दुकान बंद होने पर व्यापारियों को 40 हजार से डेढ़ लाख रुपए किराया, वेतन, बिजली बिल आदि के चुकाना पड़ रहे हैं।
7 दिन ही बचा अप्लाएंसेस का बाजार
महारानी रोड व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष जितेंद्र रामनानी और उपाध्यक्ष विशाल पाहुजा का कहना है कि इलेक्ट्रिक सामग्री विक्रेताओं को सप्ताह में 2-3 दिन की छूट मिली, लेकिन बाकी अप्लाएंस और सभी प्रकार के व्यापार बंद पड़े हैं। अब समस्या है कि 60 दिन से जो व्यापार रुका है वह भी अगले 7 दिन में समाप्त हो जाएगा।
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