बंगाली चौराहे पर फ्लायओवर की देरी से ट्रैफिक ही नहीं 120 कॉलोनियों के 2 लाख से ज्यादा लोगों का काम-धंधा भी प्रभावित हुआ है। जब से फ्लायओवर बनना शुरू हुआ है, तब से अब तक 20 से ज्यादा दुकानदारों को यहां से व्यापार समेटना पड़ा है। चौराहे से जुड़े 20 कॉलोनियों के लगभग 12 से 15 हजार लोगों को यही चिंता सताती है कि जैसे ही घर से बाहर निकलेंगे चौराहे पर जाम में फंस जाएंगे।
सर्विस रोड के रहवासियों की तो यह हालत है कि किसी काम से जाने के लिए अपनी गाड़ी तक सड़क पर नहीं उतार पाते हैं, क्योंकि मेन रोड का ट्रैफिक सर्विस रोड पर शिफ्ट हो गया है। रहवासी संदीप जोशी कहते हैं एक महीने पहले ही एक तेज रफ्तार बस ने एक युवक और महिला को टक्कर मार दी थी।
स्थानीय रहवासी व पूर्व पार्षद प्रणव मंडल ने बताया पुल के कारण दो साल से यहां के लोग मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। सर्विस रोड का व्यापार पूरी तरह से खत्म हो गया है। दुकानदार तक अपने वाहन खड़े नहीं कर पाते हैं। ऐसे में ग्राहकी पूरी तरह से खत्म हो गई है।
चारों सर्विस रोड का लगभग पांच लाख रुपए महीने का व्यापार प्रभावित हो रहा है। फर्नीचर दुकान संचालक नागेश्वर द्विवेदी कहते हैं ब्रिज बनने के कारण रोज इतना ट्रैफिक जाम होता है कि यहां पर लोगों का व्यापार करना मुश्किल हो गया है।
मुख्य सड़क पर जाम के चलते वाहन चालक कॉलोनी की अन्य गलियों में घुस जाते हैं। ऐसे में बच्चे व बड़े अपने घरों के बाहर निकलने में डरने लगे हैं। निजी दुकानें मजबूरन चलानी पड़ रही हैं। किराएदार सब छोड़कर जा रहे हैं। सर्विस सेंटर, रेस्टोरेंट सहित कई दुकानें दूसरी जगह पर शिफ्ट हो गईं।
डिजाइन पर पीएस के साथ आज बैठक
शुक्रवार शाम 4.30 बजे प्रमुख सचिव के साथ संभागायुक्त कार्यालय में बैठक होगी। इसमें चर्चा की जाएगी कि बंगाली ब्रिज को पुरानी डिजाइन से बनाएं या नए विकल्प पर विचार करें। डिजाइन फाइनल हो गई तो पीडब्ल्यूडी अफसर प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजेंगे। 22 जून को पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से चर्चा करेंगे।
पीपल्याहाना ब्रिज जैसा बनाएं
बंगाली चौराहा ब्रिज को तकनीकी रूप से पीपल्याहाना फ्लायओवर की तरह ही बनाया जाए, ताकि ट्रैफिक गुजरने में परेशानी न हो। इसे लेकर कांग्रेस नेता अमन बजाज, राकेश जोशी पीडब्ल्यूडी के ब्रिज सेल प्रभारी गिरिजेश शर्मा से मिले।
ऐसा विकल्प निकालेंगे, जिससे कोई परेशान न हो
कोई भी निर्माण कार्य विकास और प्रगति के लिए किए जाते हैं न कि लोगों के लिए सिरदर्द बनने के लिए। बंगाली ब्रिज से शहर की दो लाख जनता को राहत मिलेगी। पीडब्ल्यूडी के अफसर व मंत्री से इस समस्या के ऐसे विकल्प निकाले जाने के लिए चर्चा की जाएगी, जिससे कि समय भी कम लगे और लोगों को परेशानी न हो।-तुलसी सिलावट, प्रभारी मंत्री
एक भी ब्रिज सही तरीके से नहीं बनाया पीडब्ल्यूडी ने
पीडब्ल्यूडी के अफसरों की मनमानी और लापरवाही के कारण जनता को लंबे समय से परेशान होना पड़ रहा है। इनके द्वारा बनाया गया एक भी ब्रिज पूरी तरह से सुरक्षित व सफल नहीं है। बंगाली ब्रिज में भी वही गलती दोहराने जा रहे हैं। बार-बार बोलने के बावजूद जनप्रतिनिधियों की बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है।-शंकर लालवानी, सांसद
मंत्री से मिलकर डिजाइन बदलने पर चर्चा की है
लॉकडाउन के पहले ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान व पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से डिजाइन के विषय में चर्चा की गई थी, लेकिन लॉकडाउन व कोरोना संक्रमण के कारण इस मामले में बात आगे
नहीं हो सकी। एक बार फिर मंत्री से मिलकर डिजाइन बदलने को लेकर चर्चा की है। -महेंद्र हार्डिया, क्षेत्रीय विधायक
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