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5162 करोड़ का निगम बजट:ट्रैफिक बजट में दोगुना से ज्यादा वृद्धि; 41 से 100 करोड़ किया, कोरोना का 25 से 50 करोड़

नगर निगम के 5162 करोड़ के बजट को तीन दिन के पोस्टमॉर्टम के बाद आखिरकार बुधवार को संभागायुक्त और निगम प्रशासक डॉ. पवन शर्मा ने जारी कर दिया। इसमें शहर की सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक का बजट पहले 41 करोड़ रखा था।इसे बढ़ाकर 100 करोड़ किया गया।

वहीं कोरोना के लिए 25 से बढ़ाकर 50 करोड़ रखे। इन सबके बीच बड़ा सवाल था कि आखिर बजट में ऐसा क्या था जिसका मंथन तीन दिनों तक चलता रहा। पड़ताल में पता चला कि निगम अफसरों ने एक जैसे कार्यों का बजट अलग-अलग मद में डाल रखा था। जैसे रिंग रोड के पौधारोपण को अलग रखा तो दूसरे स्थान पर पौधारोपण के लिए अलग राशि रखी।

बजट के 200 से ज्यादा पन्नों में फैली गड़बड़ियों को संभागायुक्त ने 14 बिंदुओं में समेटकर तैयार किया। विभागों के एक-एक कार्य का पोस्टमॉर्टम किया व एक जैसे कामों को एक मद में ही रखा। संभागायुक्त ने बताया इंदौर के बजट को सिर्फ एक साल के लिए नहीं, बल्कि पांच साल के हिसाब से तैयार करवाया। अफसरों ने मेहनत की हमने सही दिशा दिखाने का प्रयास किया, ताकि सबकुछ जनता के सामने रहे।

82 करोड़ घाटे का बजट, इस बार न कोई नया कर और न वृद्धि
बजट में 5162 करोड़ की प्रस्तावित आय और 5060 करोड़ के व्यय के साथ 82 करोड़ के घाटे का बजट स्वीकृत किया। इसमें न कोई नया कर लगाया और न किसी प्रकार की वृद्धि की। 2021-22 में संपत्तिकर के 6.25 प्रतिशत छूट के साथ अग्रिम भुगतान के लिए 30 सितंबर 2021 तक समय-सीमा दी। बिना किसी अधिभार के संपत्ति कर 31 दिसंबर 2021 तक जमा कर सकेंगे।

14 बिंदुओं से समझें बजट; शुरुआत बिगड़े ट्रैफिक के प्रबंधन से

बजट 41 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दिया। इससे भंवरकुआं, नौलखा, रसोमा, निरंजनपुर तीन इमली व इन्द्रप्रस्थ चौराहे का विकास व लेफ्ट टर्न सुधारे जाएंगे। ग्रेटर कैलाश रोड पर मल्टी लेवल पार्किंग भी बनेगी।

2. सफाई : 104 करोड़ रुपए। इसमें 5 करोड़ की टोकन राशि 500 मीट्रिक टन क्षमता के सीएंडडी वेस्ट प्लांट के लिए रखी। एक नए मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर को बनाया जाएगा और 5 और वार्डों को जीरो वेस्ट वार्ड बनाएंगे।

3. सीवरेज : 460 करोड़ रुपए लक्ष्मी मेमोरियल हॉस्पिटल के पास और शकर खेड़ी में एसटीपी बनाने, नई सीवर लाइन (100 किमी) बिछाने का कार्य होगा। साथ ही ड्रेनेज की सफाई के लिए अत्याधुनिक मशीनें 50 करोड़ में खरीदी जाएंगी।

4. पानी : 550 करोड़। राऊ के पास 5 करोड़ में नया क्लोरीनेशन प्लांट लगेगा। नौ टंकियां बनेंगी। वाटर रिचार्जिंग के लिए 20 करोड़ रखे। 5 वार्डों को 100% रिचार्ज वार्ड बनाएंगे। तालाबों के लिए 48 करोड़ और नदी सफाई के लिए 55 करोड़।

5. सड़क: 308 करोड़। शहर की अंदरुनी सड़कों की मरम्मत, फुटपाथ, लेफ्ट टर्न व अन्य निर्माण किया जाएगा। 100 करोड़ में एमआर-3, 5, 9, और आरई-2 बनाएंगे। 50 करोड़ से 50 किमी ड्रेनेज लाइन डालेंगे। निचली बस्तियों में 47 करोड़ की लागत से छोटे पुल तैयार किए जाएंगे।

6. बिजली : 104 करोड़। बिल कम करने जलूद में 100 करोड़ से 100 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाएंगे। 80 हजार में से पहले चरण में 20 हजार स्ट्रीट लाइट को एलईडी में परिवर्तित किया जाएगा। कुल 25 उद्यान सोलर लाइट से रोशन होंगे।

7. परिवहन : 400 नई बसों का क्रय करेंगे। साथ ही बुजुर्ग, विद्यार्थी और निशक्तजनों के लिए कॉमन मोबिलिटी पास जारी किए जाएंगे। सिटी बस स्टॉप व पिकअप पॉइंट तैयार किए जाएंगे। विजय नगर में बस स्टैंड व बीआरटीएस पर डिपो बनाएंगे। हालांकि इसकी राशि का उल्लेख बजट में नहीं है।

8. कोरोना : पिछले साल 25 करोड़ रखे थे। निगम 18 करोड़ ही खर्च कर सका था। इस बार फंड 50 करोड़ रखा। तर्क है वैक्सीनेशन में बहुत खर्च करना पड़ा। 56 दुकान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन व प्रमुख स्थानों पर सैनिटाइजर मशीन लगाई जाएंगी।

9. हरियाली : 72 करोड़। नदी किनारे 60 हजार पौधे रोपेंगे साल निगम 20 नए उद्यान विकसित करेगा। कान्ह और सरस्वती नदी तथा प्रमुख नालों पर 60 हजार पौधे रोपे जाएंगे। इसके अलावा पितृ पर्वत पर 15 हजार पौधे और ट्रेंचिंग ग्राउंड पर10 हजार पौधे रोपे जाएंगे।

10. कॉलोनी हस्तांतरण : आईडीए द्वारा विकसित कॉलोनियों और पूर्ण स्कीमों का हस्तांतरण निगम द्वारा लिया जाएगा। ऐसी 90 से ज्यादा कॉलोनियां हैं। इसे प्राथमिकता से करेंगे, ताकि लोगों को सुविधाएं मिलना शुरू हो।

11. आवास : 700 करोड़। पीएम आवास योजना के तहत इस साल के अंत तक 25570 फ्लैट्स तैयार हो जाएंगे। 14 स्थानों पर 15250 आवासीय इकाइयों का निर्माण चल रहा है। कनाड़िया एक्सटेंशन में बन रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट में 1024 आवासीय इकाइयों का निर्माण भी किया जा रहा है।

12. हॉकर्स जोन व भिक्षुोक गृह : 5 करोड़। वार्डों में और क्षेत्रों में हॉकर्स जोन बनाए जाएंगे। भिक्षुक गृह बनाएंगे दो करोड़ से आश्रय स्थलों का रखरखाव किया जाएगा। इसके अलावा रेनबसेरा के संधारण के लिए पांच करोड़ की राशि भी स्वीकृत की है।

13. फिश एक्वेरियम : 14 करोड़। सिंगापुर की तर्ज पर मनोरंजन के लिए चिड़ियाघर में फिश एक्वेरियम बनाया जाएगा। इसे पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इसमें कुल खर्च करीब 50 करोड़ आएगा। इसके लिए 5 करोड़ की टोकन राशि अलग से भी रखी गई है।

14. खेल मैदान : 20 करोड़। खेल प्रकोष्ठ के तहत शहर के हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक खेल मैदान विकसित किया जाएगा। इसके अलावा भी पीपीपी मोड पर चिह्नित खेल मैदानों का विकास का किया जाएगा।

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