अदाणी ग्रुप के शेयरों को लेकर दो दिन से चल रहे उतार-चढ़ाव से इंदौर के निवेशक भी नहीं बच पाए। सोमवार को इंदौर के करीब 30 हजार निवेशकों को 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया। हालांकि मंगलवार को हुए कुछ सुधार से यह नुकसान 120 करोड़ करीब कवर हुआ, लेकिन अब भी 80 करोड़ रुपए के घाटे में हैं।
अदाणी के ग्रुप के शेयरों में बीते सप्ताह 3260 शेयरों की खरीदी हुई थी। सोमवार को 7 हजार से ज्यादा की तो मंगलवार को फिर 3840 शेयरों की ही खरीदी-बिक्री हुई। इंदौर में चार लाख निवेशकों के शेयर बाजार खरीदी के लिए खाते हैं, इसमें से एक लाख निवेशकों के खाते एक्टिव हैं।
अंबानी और अडाणी के ग्रुप के शेयरों की खरीदी का यह रहता है पैटर्न
शेयर बाजार में होने वाली शेयरों की खरीदी बिक्री के रिकॉर्ड के अनुसार इन शेयरों के होल्डिंग पैटर्न के अनुसार अदाणी के ग्रुप के शेयरों की खरीदी-बिक्री में 74 फीसदी हिस्सा उनके प्रमोटर्स का होता है, वहीं विदेशी निवेशकों का करीब 22 फीसदी, म्युचुअल फंड व अन्य संस्थाओं का करीब एक फीसदी और आमजन का ढाई से तीन फीसदी हिस्सा होता है। वहीं अंबानी के रिलायंस ग्रुप के होल्डिंग पैटर्न के अनुसार इसमें प्रमोटर्स का हिस्सा 54-55 फीसदी हिस्सा, विदेशी निवेश का 25-26 फीसदी, म्युचुअल फंड आदि का 12 से 13 फीसदी और आमजन का 10-11 फीसदी हिस्सा होता है। रिलायंस ग्रुप का रिलायंस इंडस्ट्रीज के नाम से शेयर है, जिसके करीब 95 लाख शेयरों में हर दिन औसतन ट्रेडिंग होती है, वहीं अदाणी ग्रुप के छह कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं। औसतन इस पूरे ग्रुप के तीन करोड़ शेयरों में ट्रेडिंग होती है।
उठापटक वाले शेयरों से दूरी रखें निवेशक : शेयर विशेषज्ञ
जिन कंपनियों के शेयरों में आमजन के जगह प्रमोटर्स का हिस्सा अधिक होता है इसमें अधिक उठापटक देखने को मिलती है, अदाणी ग्रुप के पहले यही रुचि ग्रुप के साथ हुआ था। ऐसे में आम निवेशक को इन शेयरों से दूरी रखना चाहिए। - तेजपाल सलूजा, सेतु हारमोनी सॉल्यूशंनस, डायरेक्टर व जानकार शेयर बाजार
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