इंदौर गुमाश्तानगर निवासी 9 वर्षीय रानी के माता-पिता कोविड के चलते नहीं रहे। अब मौसी ही उसे पाल रही है। स्कूल की फीस जमा नहीं हुई तो ऑनलाइन क्लास से बेदखल कर दिया। बच्ची पढ़कर वकालत करना चाहती है। भावुकता भरे अंदाज में उम्मीद के साथ उसने सांसद शंकर लालवानी के समक्ष व्यथा रखी।
सांसद ने मौके से ही स्कूल प्रबंधन को ऑनलाइन क्लास में शामिल करने के निर्देश दिए। कई बच्चे ऐसे थे, जिन्हें स्कूल की ऑनलाइन क्लास में बैठने से रोक दिया गया। कुछ का रिजल्ट ही नहीं दिया। एक कॉलेज छात्रा के पिता कोरोना काल में नहीं रहे। वह चचेरे भाई के साथ अपनी बात रखने पहुंची थी। उसने सांसद से कहा कि एग्जाम फीस और मूल फीस जमा नहीं होने के कारण बीकॉम की एग्जाम से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने तत्काल प्राचार्य से बात कर जल्द फीस भरवाने का आश्वासन दिया।
छात्रा को एग्जाम में बैठाने की अनुमति भी दिलवा दी। सांसद कार्यालय पर भावुक कर देने वाले माहौल के बीच कमेटी के सदस्यों ने ऐसे अनेक बच्चों से चर्चा की। 15 की मौके पर ही मदद कर समस्या सुलझाई। सांसद ने कहा जल्द ही अच्छे स्कूलों में सभी के एडमिशन करवाए जाएंगे।
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