इंदौर, रतलाम, देवास सहित प्रदेश के आठ जिलों में हॉलमार्क कानून लागू हो गया है। मप्र सराफा एसोसिएशन का कहना है कि हमने सरकार को कुछ सुझाव दिए थे, जिसके बाद हॉलमार्क में शामिल कैरेट्स की श्रेणी भी 3 से बढ़ाकर 6 कर दी गई है। एसोसिएशन के मुताबिक, पहले केंद्र सरकार ने तीन श्रेणी 14, 18 और 22 कैरेट के सोने में ही हॉलमार्क का प्रावधान किया था।
हमारे सुझाव के बाद 20, 21 से लेकर 24 कैरेट सोने की श्रेणी को भी जोड़ा गया। गौरतलब है कि प्रदेश में 16 जून से इंदौर के अलावा भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, देवास और रतलाम में हॉलमार्क कानून लागू किया गया है, क्योंकि अभी यहीं पर हॉलमार्क सेंटर मौजूद हैं।
फायदा
- ग्राहक ठगा नहीं सकेगा। खरीदा जाने वाला हॉलमार्क सोना उतने ही कैरेट का होगा, जितने का ग्राहक ने पैसे दिए हैं।
- ग्राहक हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदने के बाद उन्हें बेचने जाएगा तो सिर्फ लेबर चार्ज ही काटा जाएगा।
- ग्राहकों को बाजार का डिफरेंस पता चलेगा कौन व्यापारी ज्यादा लेबर चार्ज ले रहा, क्योंकि हॉलमार्क ज्वेलरी में सोने का भाव सभी व्यापारियों के पास एक जैसा रहेगा।
नुकसान
- व्यापारियों को बिना हॉलमार्क वाला सोना ढाई महीने के अंदर ही बेचना या गलाना होगा।
- ग्राहकों को बिना हॉलमार्क वाला सोना गलाने के दाम में बेचना होगा, नुकसान होगा।
- सोने पर हॉलमार्क का खर्च ग्राहक को उठाना पड़ेगा।
कानून अच्छा, लेकिन यूआईडी कोड अभी लागू नहीं करना था
- हम हॉलमार्क के विरोध में नहीं हैं। लेकिन सरकार को इसे थोड़ा रुक कर लागू करना था। हॉलमार्क को लेकर अभी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है। इसे तैयार होने में ढाई महीने लगेंगे। -अनिल रांका, सदस्य, सराफा बाजार व्यापारी एसोसिएशन
- इसमें जो कमियां थीं, उसे पीयूष गोयल को बताया। उन्होंने इसे दूर किया है। हॉलमार्क में 20 कैरेट को भी शामिल किया, इससे छोटे दुकानदारों को फायदा मिलेगा। -बसंत सोनी, उपाध्यक्ष, सराफा बाजार व्यापारी एसोसिएशन
- कानून से ग्राहकों के साथ ही व्यापारियों को भी फायदा है। अभी हॉलमार्क के साथ जो यूआईडी कोड लागू किया गया है। इसे फिलहाल लागू नहीं किया जाना चाहिए। - अविनाश शास्त्री, सोना चांदी व्यापारी, सराफा बाजार
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