फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाॅट्सएप, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक पोस्ट, ऑनलाइन जुआ, साइबर अपराध होने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मो. रफीक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला जनहित का है।
सभी कंपनियां जवाब दें। अगली सुनवाई 1 जुलाई को होगी। इंदौर की संस्था मातृ फाउंडेशन ने अधिवक्ता अमेय बजाज के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में उल्लेख किया कि इन सोशल प्लेटफॉर्म पर प्राइवेसी भंग हो रही है। डेटा चोरी की घटनाएं हो रही हैं।
आपत्तिजनक पोस्ट डालकर संस्था, लोगों को बदनाम करना, सांप्रदायिक हिंसा फैलाना, अश्लील फोटो, वीडियो, कॉपीराइट व ट्रेडमार्क का उल्लंघन भी किया जा रहा है। सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की ओर से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने कहा कि यह याचिका केवल कही-सुनी बातों के आधार पर दर्ज की गई है।
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