पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मप्र सरकार पर मीडिया पर शिकंजा कसने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकार जनसंपर्क विभाग को कमजोर कर उसका सारा काम एक निजी एजेंसी को सौंपने की तैयारी कर रही है। इस एजेंसी के काम की जो सूची का प्रस्ताव बना है, उसमें मीडिया को खरीदना भी शामिल है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी पीआर एजेंसी को ठेका देने की आधिकारिक शर्ताें में मीडिया को खरीदने की बात शामिल की गई है।
नाथ ने बताया कि सरकार के जनसंपर्क संचालनालय ने मार्च में पीआर मैनेजमेंट और कंटेट क्रिएशन के लिए एक निजी एजेंसी को ठेका देने का प्रस्ताव जारी किया है। प्रस्ताव की शर्तों के तहत कम से कम 50 करोड़ रुपए सालाना कारोबार वाली कंपनी इसके लिए आवेदन कर सकती है। अगर कंपनी का टर्न ओवर कम है तो अधिकतम तीन कंपनियां मिलकर एक कंसोर्शियम बना कर आवेदन कर सकती हैं। निजी एजेंसी को काम देने के बाद जनसंपर्क संचालनालय का तकरीबन पूरा काम विभाग से हटकर इस कंपनी के पास चला जाएगा।
यह कंपनी अखबारों की कतरन काटने, मुख्यमंत्री और सरकार की नीतियों के लिए विज्ञापन और विज्ञप्ति तैयार करना, इवेंट आयोजित करना और मीडिया संस्थानों से संपर्क करने और मीडिया में प्रकाशित समाचारों की समीक्षा तक का काम देखेगी। प्रस्ताव में यह भी लिखा गया है कि यह एजेंसी निगेटिव न्यूज की मॉनीटर करेगी और कोशिश करेगी कि निगेटिव न्यूज न छपे। सरकार का यह कदम जनसंपर्क विभाग को अपने राजनैतिक हितों व स्वार्थों के लिए एक प्राइवेट कंपनी में बदल देने का व लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की निष्पक्ष आवाज को दबाने का कुत्सित प्रयास है।
पांचाल बने मुख्यमंत्री के ओएसडी
तुषार पांचाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) बने हैं। मुंबई निवासी पांचाल कम्युनिकेशन एक्सपर्ट के साथ ही पॉलिटिकल कंसल्टेंट व वॉर रूम एक्सपर्ट हैं। जीएडी ने उनकी संविदा नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं।
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