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सुप्रीम कोर्ट:जिन डाॅक्टरों ने परीक्षा पास नहीं की, उनके हाथों में मरीजों की जान कैसे सौंप सकते हैं

देशभर में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल की फाइनल परीक्षा को रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि वे परीक्षा रद्द करने का आदेश जारी नहीं कर सकते, क्योंकि यह एक शैक्षिक नीति का मामला है। पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा,‘वे मरीजों का इलाज करेंगे। वैसे भी जिन डाॅक्टरों ने परीक्षा नहीं दी, उनके हाथों में मरीजों की जान कैसे सौंपी जा सकती है?

हालांकि कोर्ट ने उक्त मामले में अन्य मांगों जैसे मेडिकल छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पदोन्नत करने और इस मुद्दे पर एक संयुक्त विशेषज्ञ कमेटी के गठन की मांग पर केंद्र सरकार व एम्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के फाइनल ईयर के कुछ डाॅक्टरों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसमें डाक्टरों ने परीक्षा रद्द करने और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनका रिजल्ट घोषित करने की मांग की थी। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 18 जून को तय की है।

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