- गोगावां पंचायत के महापुरा व बयड़ीपुरा मजरे के 140 परिवार पानी की समस्या से परेशान
नर्मदा किनारे बसी ग्राम पंचायत गाेगांवा के गांव महापुरा व बयड़ीपुरा के ग्रामीण जलसंकट से परेशान हैं। महापुरा व बयड़ीपुरा में अब तक नल जल योजना नहीं होने से ग्रामीणों को एक किमी दूर खेत के कुएं से पानी लाना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत ने अब तक यहां हैंडपंप, ट्यूबवेल या अन्य काेई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।
700 की आबादी वाले इस क्षेत्र के 140 परिवार वालाें काे रोज सुबह काम पर जाने से पहले पानी की व्यवस्था करना पड़ती है। पंचायत में शिकायत के बावजूद अब तक काेई सुनवाई नहीं की जा रही है। गर्मी काे ठीक यहां सालभर पानी की समस्या का सामना ग्रामीणाें काे करना पड़ता है। दरअसल 1995 से पहले गाेगांवा पंचायत देवलरा पंचायत में शामिल थी। परिसीमन के बाद गाेगांवा पंचायत काे अलग कर इसमें गाेगांवा, गांव महापुरा व बयड़ीपुरा मजरे काे शामिल किया गया। कुल 1600 की आबादी वाली पंचायत गाेगांवा में ताे नल जल याेजना है, परंतु 700 की आबादी वाले गांव महापुरा व बयड़ीपुरा में अब तक यह सुविधा नहीं दी गई।
हमारी शादी हुए 30 साल हाे गए, लेकिन अब तक गांव में पानी की समस्या का हल नहीं हुआ
ग्रामीण कंचन पटेल, विनोद पटेल, बच्चन पटेल ने बताया गांव में पानी की समस्या से हर परिवार काे परेशान हाेना पड़ रहा। पानी के लिए सुबह परिवार के सभी सदस्याें काे बर्तन लेकर टवलाई-गाेगांवा प्रधानमंत्री सड़क किनारे खेत के कुएं पर जाना पड़ता। जहां कुएं में बाल्टी डालकर पानी खींच कर पैदल सिर पर उठाकर घर लाना पड़ता।
कई ग्रामीण साइकिल व बैलगाड़ी से पानी लाते हैं। ग्रामीण सरजू पटेल, भारती मूवेल, भूरी सोलंकी, शमोती रावत ने बताया हमारी शादी हुए 25 से 30 साल हाे गए, लेकिन अब तक गांव में पानी की समस्या का हल नहीं हुआ। कई बार पंचायत में शिकायत की लेकिन अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।
जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक घर शुद्ध पानी पहुंचाने की बात कह रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी चुनाव के समय वाेट मांगने आते हैं। जहां समस्या बताने पर शीघ्र निराकरण का वादा करते है। चुनाव जीतने के बाद हमारी समस्या पर काेई ध्यान नहीं दे रहा है। पंचायत के अस्तित्व में आने के बाद से 5 सरपंच बने लेकिन समस्या बनी हुई है।
शासन स्तर से मुकेश साेलंकी, सरपंच, ग्राम पंचायत गाेगांवा
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