इंदौर पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के दौरान इंदौर में मरीजों की अधिक संख्या होने के बावजूद यहां के जिला प्रशासन ने सूझबूझ से जिस ढंग से परिस्थितियों को सम्हाला, और कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को रोकने में सफलता प्राप्त की यह अत्यंत सराहनीय है। इस संकट काल में चिकित्सकों का सेवाभाव प्रशंसनीय है। यह बात प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने गुरूवार को स्थानीय एमवाय अस्पताल में आयोजित बैठक में कही। इस दौरान संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आपदा प्रबधन समिति के सदस्य डॉ. निशांत खरे, डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. संजय दीक्षित सहित विभिन्न वरिष्ठ चिकित्सक तथा मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्ष भी मौजूद थे।
मंत्री सिलावट ने बैठक में कहा कि यदि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर भविष्य में आती है, तो उससे निपटने के लिये हमें हर तरह से तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में कभी बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते है, तो ऐसे में बच्चों के लिये वेंटिलेटर व अन्य उपकरण तथा बच्चों के लिये विशेष पलंग आदि की व्यवस्था अभी से करना होगी। उन्होंने एमवाय अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिये कि जनरल वार्ड में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये तथा वहां के शौचालयों की नियमित साफ-सफाई होती रहे और मरीजों के पलंग के चादर नियमित रूप से बदलें जाये।
संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने बैठक में कहा कि बच्चों के लिये वेंटिलेटर, बच्चों के विशेष पलंग व एम्बूलेंस खरीदने के लिये अभी से आदेश जारी कर दिये जाने चाहिये उन्होंने कहा कि इसके लिये धनराशि की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बैठक में बताया कि कोविड मरीजों के उपचार के लिये इंदौर के शासकीय अस्पतालों की वर्तमान क्षमता को और बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
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