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ब्लैक फंगस:साइड इफेक्ट के बाद सस्ते एम्फोसिटिरिन लगाना बंद किए

 

एमवायएच में ब्लैक फंगस का इलाज करवा रहे मरीजों को अब एम्फोसिटिरिन लाइपोलाइज्ड (सस्ते वाले) इंजेक्शन लगाना बंद कर दिए हैं। सोमवार को ये इंजेक्शन किसी मरीज को नहीं लगाए। यही इंजेक्शन भोपाल, सागर, जबलपुर सहित कई शहरों को भेजे गए थे।

वहां भी साइड इफेक्ट सामने आने के बाद इनका इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। एमवायएच में वर्तमान में 300 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को टैबलेट भी अस्पताल की ओर से ही दी जा रही है। एम्फोसिटिरिन लाइपोलाइज्ड के 25 हजार डोज का ऑर्डर हिमाचल प्रदेश की कंपनी को दिया गया था।

12 हजार 240 इंजेक्शन की पहली खेप तीन-चार दिन पहले इंदौर पहुंची थी। एक इंजेक्शन की कीमत 350 रुपए बताई जा रही है। मोटे तौर पर करीब 40 लाख के इंजेक्शन खरीदे गए थे। सूत्रों के अनुसार इस बैच के बचे हुए सारे इंजेक्शन को कंपनी को लौटाया जाएगा। इनकी टेस्टिंग की जाएगी। हालांकि, अधिकृत रूप से अभी कोई यह बताने की स्थिति में नहीं है कि कितने इंजेक्शन का इस्तेमाल हुआ और कितने इंजेक्शन लौटाए जा रहे हैं।

अब एम्फोसिटिरिन-बी लाइपोजोमल दे रहे

मरीजों को अब सात हजार वाले एम्फोसिटिरिन-बी लाइपोजोमल और पोसाकोनॉजोल टैबलेट दी जा रही हैं। टैबलेट हलके संक्रमण वाले मरीजों को दी जाती है। वहीं लाइपोजोमल इंजेक्शन प्राथमिकता के आधार पर उन मरीजों को पहले लगाया जा रहा है, जिन्हें अत्यधिक संक्रमण है। कांग्रेस का आरोप, सस्ते इंजेक्शन की खरीदी में भ्रष्टाचार : कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेशसिंह यादव ने कहा इंजेक्शन खरीदी में अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से जांच की मांग की।


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