राज्य सरकार कर्मचारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। सामान्य प्रशासन विभाग ने नई ट्रांसफर पॉलिसी जारी कर दी है। प्रदेश में 1 से 31 जुलाई तक ट्रांसफर हो सकेंगे। पहले अनुसूचित क्षेत्रों के खाली पदों को भरा जाएगा। कोरोना से गंभीर बीमार होने वालों को प्राथमिकता मिलेगी। यदि सरकारी प्रक्रिया से उनका ट्रांसफर हो रहा होगा, तो इस आधार पर उनका तबादला रोक भी दिया जाएगा। अभी यह छूट कैंसर, किडनी खराब, ओपन हार्ट सर्जरी आदि के चलते नियमित जांच कराने वाले कर्मियों को मिलती है।
CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 1 से 31 जुलाई तक के लिए ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाया जा रहा है। बजट सत्र के दौरान कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया था कि 1 से 31 मई बीच ट्रांसफर हो सकेंगे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण नीति को लंबित कर दिया गया था।
नई पॉलिसी के मुताबिक इस बार तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर ही किए जाएंगे। वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री और कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे।
बता दें कि मंत्रियों और विधायकों के पास ट्रांसफर के सैकड़ों आवेदन पड़े हैं। इतना ही नहीं ट्रांसफर पर बैन होने के कारण मंत्रियों की सिफारिश के पत्र व नोटशीट मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर से बैन हटाने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में पहली बार ट्रांसफर से बैन हटाया जा रहा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने 5 जून से 5 जुलाई 2019 तक एक माह ट्रांसफर से बैन हटाने के लिए पॉलिसी लागू की थी। पॉलिसी का समय खत्म होने के बाद ट्रांसफर के लिए विभाग की तरफ से प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय में समन्वय के लिए भेजा जाता था। इस दौरान मंत्रियों को भी ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं रहते हैं। लेकिन बैन हटने के दौरान ट्रांसफर के लिए राज्य शासन पॉलिसी लागू करता है।
डीएसपी से नीचे के अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर बोर्ड करेगा
पॉलिसी के मुताबिक डीएसपी से नीचे के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर पुलिस स्थापना बोर्ड जिले में पोस्टिंग का निर्णय लेगा। जिले के अंदर प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर पुलिस अधीक्षक पोस्टिंग करेंगे। बता दें कि डीएसपी और उनसे ऊपर के पुलिस अफसरों के तबादले गृह मंत्री के अनुमोदन के बाद समन्वय में मुख्यमंत्री करेंगे।
MP में 11 साल में 6वीं बार हटा बैन
वर्ष 2010 के बाद यह 6वीं बार तबादलों से बैन खुला है। इससे पहले जून 2019, जनवरी 2018, जुलाई 2017, मार्च 2016 और 2010 में ही तबादलों पर से प्रतिबंध हटा था।
पॉलिसी में यह प्रावधान
- अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्तों को पहले भरा जाएगा। यहां 3 साल की सर्विस होने के बाद ही ट्रांसफर किए जाएंगे।
- जिन अधिकारियों व कर्मचारियों का रिटायरमेंट 1 साल के भीतर होना है, उनका ट्रांसफर नहीं होगा।
- पति-पत्नी का एक साथ ट्रांसफर स्वयं के व्यय पर होगा।
- जिनके आपराधिक प्रकरण या विभागीय जांच लंबित है, उनके ट्रांसफर नहीं होंगे।
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