कोरोना संक्रमण के बाद पटरी पर आने की कोशिश कर रहे सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले सेक्टर रियल एस्टेट को रेरा (रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम) की लेटलतीफी मुश्किलों में डाल रही है। सितंबर 2020 से रेरा द्वारा रियल एस्टेट प्रोेजेक्ट को नंबर जारी नहीं हो रहे हैं।
रेरा नंबर जारी कर दे तो इंदौर के 15 हजार करोड़ के 150 से ज्यादा प्रोजेक्ट को गति मिल जाएगी। नंबर जारी हुए तो बिल्डर, ग्राहक के साथ ही सरकार को भी फायदा होगा। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) मप्र के प्रेसीडेंट विवेक दम्मानी कहते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर से हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलता है। सरकार को राजस्व और आम व्यक्ति को घर मिलता है। इस बारे में लगातार मांग कर रहे हैं। कम से कम अस्थाई नंबर मिलना चाहिए। इसी में सभी का फायदा है।
नंबर जारी होने से हर सेक्टर, सरकार को ऐसे होगा फायदा- प्रॉपर्टी बुक करने पर आयकर में बुकिंग तारीख से भी मिल सकेगी छूट
सरकार 1500 करोड़ का रजिस्ट्री शुल्क
1. यह प्रोजेक्ट 15 हजार करोड़ बिक्री मूल्य के हैं। इनके तैयार होने और बिकने से सरकार को अगले तीन से चार सालोें में 1500 करोड़ रुपए का रजिस्ट्री शुल्क मिलेगा।
बिल्डर अगले प्रोजेक्ट शुरू हो सकेंगे
2. प्रोेजेक्ट की देरी से जो पूंजी अटकी है, वह मिलेगी। इससे अगले प्रोजेक्ट शुरू हो सकेंगे। प्रोजेक्ट की लागत नहीं बढ़ेगी। बैंकोें की किस्त चुकाना आसान होगा।
ग्राहक प्रॉपर्टी की लागत नहीं बढ़ेगी
3. रेरा नंबर होने से प्रॉपर्टी खरीदी हो सकेगी। देरी नहीं होगी तो लागत नहीं बढ़ने से प्रॉपर्टी की कीमत भी नहीं बढ़ेगी। अगले महीने गाइडलाइन बढ़ने का ज्यादा असर नहीं होगा।
बाजार सीमेंट, सरिया सभी को राहत
4. रियल एस्टेट सेक्टर पर सीमेंट, सरिया, सेनेटरी, फर्नीचर जैसे करीब 100 कारोबार निर्भर हैं। प्रोजेक्ट को गति मिलते ही इन सभी सेक्टर के कारोबार को गति मिलेगी।
जीएसटी यह भी समय से मिल सकेगा
5. इन 15 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट मंे करीब चार हजार करोड़ का सीमेंट, सरिया आदि लगता है। इनकी बिक्री से सरकार को जीएसटी भी समय से मिल सकेगा।
नौ माह से प्रोजेक्ट रुके हुए हैं, अस्थाई नंबर ही जारी करें
क्रेडाई इंदौर के चेयरमैन लीलाधर माहेश्वरी कहते हैं नौ माह से प्रोजेक्ट रुके हैं। रेरा कम से कम अस्थाई नंबर ही जारी कर दे तो ग्राहक इसमें खरीदी शुरू कर देंगे।
अभी नियम का मसौदा ही तैयार हो रहा, नंबर इसलिए अटके हैं
बताया जा रहा है कि अभी इस संबंध में रेरा चेयरमैन एपी श्रीवास्तव नियम का मसौदा तैयार कर रहे हैं। इस वजह से पंजीयन का काम अटका पड़ा है।
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