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दुनिया देखेगी कचरे से गैस का इंदौरी मॉडल:एशिया के सबसे बड़े बायो मिथेनाइजेशन प्लांट के लिए यूके, डेनमार्क, जर्मनी, इटली से बुलाए पार्ट्स, रोज तैयार होगी 17500 किलो सीएनजी

 

प्लांट में नवंबर तक गीले कचरे की प्रोसेसिंग शुरू हो जाएगी। - Dainik Bhaskar
प्लांट में नवंबर तक गीले कचरे की प्रोसेसिंग शुरू हो जाएगी।

सफाई में नंबर 1 इंदौर अब एशिया का सबसे बड़ा बायो मिथेनाइजेशन प्लांट तैयार करने में जुटा है। देवगुराड़िया में 550 टन गीले कचरे की क्षमता वाले प्लांट के लिए 82 करोड़ के चार विशेष उपकरण यूके, डेनमार्क, जर्मनी और इटली से मंगाए जा रहे हैं।

नवंबर तक प्लांट गीले कचरे की प्रोसेसिंग शुरू कर देगा। देवगुराड़िया की साइट पर डाइजेस्टर टैंक का इंस्टॉलेशन पूरा हो गया है। अभी डीप बंकर तैयार किया जा रहा है। इसमें गीले कचरे को लिया जाएगा। साइट पर फेब्रिकेशन का काम भी तेजी से किया जा रहा है। लॉकडाउन के कारण विदेशों से पार्ट्स आने में देरी हुई, नहीं तो पहला चरण अप्रैल 2021 में पूरा होने का टारगेट रखा गया था।

82 करोड़ के पार्ट्स; डाइजेस्टर टैंक का इंस्टॉलेशन पूरा हुआ

  • 1. चार बायो गैस टैंक : यूके से खरीदे। कीमत 60 करोड़...उपयोग : गीले कचरे का पूरा मिश्रण रखा जाता है।
  • 2. स्लरी मैकिंग मशीन : डेनमार्क से खरीदी। कीमत 10 करोड़ रुपए।...उपयोग : कचरे में पानी मिलाकर उसका घोल तैयार करेगी।
  • 3. मिक्शचर एजिटेटर। जर्मनी से खरीदी। कीमत 7 करोड़ रुपए।... उपयोग : कचरे के घोल को और ज्यादा रिफाइन करेगी।
  • 4. डीकेंटर। इटली से खरीदी। कीमत 5 करोड़ रुपए।...उपयोग : बचे हुए गीले-सूखे कचरे को अलग करेगी। (अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा के मुताबिक)
  • 2020 अगस्त में शुरू हुआ काम
  • 2021 दिसंबर है समय सीमा
  • 150 करोड़ लागत
  • 20 और 12 टन क्षमता के ऐसे प्लांट फिलहाल चोइथराम मंडी और कबीटखेड़ी में हैं

सीएनजी से चलेगी सिटी बसें

प्लांट से नगर निगम को सालाना 2 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपए 20 साल तक प्रीमियम के रूप में मिलेंगे। 550 टन गीले कचरे से ही यह प्लांट 17500 किलो सीएनजी रोज तैयार करेगा। इसमें से आधी सीएनजी कंपनी द्वारा मार्केट रेट से 5 रुपए कम के शुल्क पर निगम को दी जाएगी, जिससे एआईसीटीएसएल की बसों का संचालन होगा।

सीएनजी से चलेगी सिटी बसें

प्लांट से नगर निगम को सालाना 2 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपए 20 साल तक प्रीमियम के रूप में मिलेंगे। 550 टन गीले कचरे से ही यह प्लांट 17500 किलो सीएनजी रोज तैयार करेगा। इसमें से आधी सीएनजी कंपनी द्वारा मार्केट रेट से 5 रुपए कम के शुल्क पर निगम को दी जाएगी, जिससे एआईसीटीएसएल की बसों का संचालन होगा।

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