- नेशनल हेल्थ मिशन ने 21 से 28 जून तक वैक्सीनेशन के आंकड़ों की रिपोर्ट जारी की
काेविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश में बर्बाद हुए टीका का हिसाब-किताब सामने आया है। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जारी सूची के मुताबिक इंदाैर जिले ने 3284 डाेज बचाए हैं। एक वायल में 11 डाेज आते हैं। इनमें से 10 का उपयाेग हाेना माना जाता है, लेकिन इंदाैर ने उस एक डाेज काे भी बर्बाद हाेने से बचा लिया। वहीं भोपाल में 59 हजार 200 डाेज बर्बाद हुए। बड़वानी में सबसे ज्यादा 6 फीसदी 4610 डोज बचाए गए।
वैक्सीनेशन महाअभियान का एनालिसिस
21 जून से शुरू हुए वैक्सीनेशन महाअभियान में इंदौर ने पहले ही देशभर में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बना दिया था। इसके बाद यहां लगातार रिकॉर्ड ताेड़ टीकाकरण किया गया। टीके की बर्बादी रोकने में भी इंदौर आगे रहा। बुधवार को नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने प्रदेशभर में 21 से 28 जून के बीच हुए वैक्सीनेशन सत्रों की रिपोर्ट जारी की है।
इंदौर ने 21 जून को माइनस 0.76, 23 जून को माइनस 0.69, 24 जून को माइनस 0.31, 26 जून को माइनस 0.37 और 28 जून को माइनस 1.69 डोज बचाए हैं। यहां माइनस का मतलब एक भी डोज बर्बाद नहीं हुआ।
प्रदेश में 1 लाख 1 हजार 132 डोज हुए बर्बाद
कुल पॉजिटिव वेस्टेज डोज की बात करें तो यह आंकड़ा 1 लाख 1 हजार 132 है। इसमें से निगेटिव वेस्टेज डोज की संख्या 61293 रही। इस प्रकार से अभियान के तहत प्रदेशभर में 39839 डोज बेकार हुए। वैक्सीन के एक वायल में 11 डोज होते हैं। एक वायल से दस डोज लगाए जाते है। माना जाता है कि एक डोज खराब हो जाता है। एहतियात से काम करें तो 11 डाेज लगाए जा सकते हैं। इंदौर ने वह एक डोज जिसके बर्बाद होने की संभावना रहती है, उसे भी सावधानीपूर्वक उपयोग में ले लिया।
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