रालामंडल और उमडीखेडा के रूप में इंदौर को पूरी तरह से विकसित दो नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन मिलने जा रहे हैं। रालामंडल में दो तरह की नाइट सफारी शुरू करने की योजना है। पहली एनिमल जोन के लिए रालामंडल की पहाड़ी के चारों तरफ बांउड्री से सटकर और दूसरी रालामंडल की चोटी पर शिकारगाह में बने म्यूजियम को देखने के लिए रालामंडल गेट से पहाड़ी के शिखर तक। इसके अलावा उमड़ीखेड़ा को नया एडवेंचर डेस्टिनेशन बनाने के लिए 6 किमी का कच्चा ट्रैक बनाने का भी विचार है। इसके अलावा रालामंडल में तारामंडल बनाने की भी योजना है।
रालामंडल अभयारण्य, खंडवा रोड स्थित उमरीखेड़ा नर्सरी और बिजासन क्षेत्र की जमीनों को नया रूप देने के लिए बुधवार को वन मंत्री, जल संसाधन मंत्री, प्रमुख सचिव और प्रधान मुख्य वन संरक्षक इंदौर में जुटे। सबसे पहले वन मंत्री विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, प्रमुख सचिव (वन) अशोक वर्णवाल, पीसीसीएफ आरके गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों ने तीनों स्थानों का निरीक्षण किया। इसके बाद रालामंडल में बैठक हुई। बैठक में यह बात उठी कि यदि पक्का निर्माण यहां पर किया गया तो केंद्र से अनुमति मिलने में लंबा वक्त निकल जाएगा लगेगा। ऐसे में यह तय किया गया कि निर्माण ऐसा हो, जिससे किसी प्रकार के अनुमति की जरूरत नहीं पड़े।
बैठक में किसने क्या कहा
- जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि रालामंडल इंदौर के लिए एक बड़ी धरोहर है। इसका विकास किया जाना चाहिए। भोपाल में जिस तरह से वन विहार है, उसी तर्ज़ पर इसे विकसित किया जाना चाहिए। रालामंडल क्षेत्र में वन्य प्राणियों की संख्या को भी बढ़ाया जाना चाहिए।
- बैठक में वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि जानवरों की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे पहले पानी के संसाधनों काे निर्मित करना जरूरी है।
- मधु वर्मा ने कहा कि यहां लिम्बोदी तालाब और नर्मदा-गंभीर लिंक से पानी की उपलब्धता बनार्द जा सकती है।
- संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि वन विभाग मनरेगा के तहत तालाब बनाने पर भी विचार करें।
- प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल ने कहा कि रालामंडल एक वन्य अभ्यारण्य है। यहां पर अन्य स्थानों से हिरण लाए जा सकते हैं। इसके लिए इसकी होल्डिंग कैपेसिटी का आंकलन करना जरूरी है।
- वन मंत्री शाह ने तत्काल निर्देश दिए कि अन्य स्थानों से जहां वन्य प्राणी भटक कर आ जाते हैं, उन्हें पकड़कर रालामंडल में छोड़ा जाए और इस स्थान को ऐसे जानवरों की शरण स्थली के रूप में विकसित किया जाए। साथ ही रालामंडल में वॉकिंग ट्रैक बनाने के साथ ही चीता और तेंदुआ जैसे जानवरों को रखे जाने की संभावनाओं को भी तलाशा जाए।
- वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में लोग ट्रेकिंग के लिए आते हैं। साथ ही पहाड़ी के शिखर पर स्थित शिकारगाह तक पहुंचकर शहर काे निहारते हैं। यदि यहां पर चीते को रखा गया तो फिर वॉकिंग ट्रैक को बंद करना होगा। ऐसे में वॉकिंग ट्रैक बंद करने या फिर यहां चीता और तेंदुआ जैसे जानवरों को रखने के लिए लोगों से विचार विमर्श करने पर सहमति बनी।
- कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि रालामंडल पहुंचने के मार्ग को ठीक करना बहुत जरूरी है। बायपास से लेकर रालामंडल के द्वार तक रोड का चौड़ीकरण किया जाए साथ ही अतिक्रमण को हटाया जाए। बायपास के निकट रालामंडल का एक आकर्षक स्वागत द्वार भी बनाया जाए।
देवगुराड़िया और रालामंडल के बीच रोपवे
बैठक में देवगुराड़िया एवं रालामंडल के बीच रोपवे के संचालन पर भी बात हुई। इसे लेकर प्रस्ताव और योजना बनाने के निर्देश दिए गए। रालामंडल में नाइट सफारी को जल्द शुरू किए जाने को लेकर सहमति बनी। यहां बटरफ़्लाई पार्क भी बनाने का निर्णय लिया गया। रालामंडल के निकट स्थित वन विभाग के डिपो में यह बटरफ़्लाई पार्क बनाया जाएगा। जहां पर विभिन्न प्रजाति की तितलियों को संरक्षित किया जाएगा। रालामंडल और इसके नीचे की जमीनों को संरक्षित करते हुए इसके विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने की बात भी हुई। अभ्यारण की बाउंड्री को भी ठीक करने के निर्देश दिए गए। मुख्य वन संरक्षक मोहन्ता ने बताया कि रालामंडल में सफारी गेट की स्थापना की जाएगी और यहां स्थित फासिल गैलरी और चेतना केंद्र का जीर्णोद्धार किया जाएगा। साथ ही सफारी पथ को भी ठीक किया जाएगा। वन विभाग का यहां एक तारामंडल विकसित करने का भी प्रस्ताव है।
उमड़ीखेड़ा बनेगा नया एडवेंचर डेस्टिनेशन, 6 किमी का कच्चा ट्रैक बनेगा
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पहल पर उमड़ीखेड़ा में एडवेंचर पार्क विकसित किए जाने की योजना बनाई जा रही है। बैठक में यह तय किया गया कि उमड़ीखेड़ा में वॉकिंग ट्रैक और साइकिलिंग ट्रैक बनाया जाए। इसके अलावा तीन से चार छोटे तालाब, झोपड़ी और पार्क भी बनाने की योजना है। उमड़ीखेड़ा के विकास की सभी कार्ययोजना बनाने के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया गया है। कलेक्टर 3 जुलाई के बाद संबंधित अधिकारियों के साथ इसका अच्छी तरह से निरीक्षण करेंगे।
वन मंत्री विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और सांसद शंकर लालवानी ने रालामंडल में इतिहास गैलरी का उद्घाटन भी किया। रालामंडल पहाड़ी के शीर्ष पर बने होलकर कालीन शिकार गृह में यह गैलरी बनाई गई है। यहां होलकर राज घराने के साथ-साथ इंदौर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाली सामग्री, पेंटिंग्स इत्यादि रखी गई है। वन संरक्षक हरिशंकर मोहन्ता ने बताया कि सन् 1905 में बने इस शिकार गृह को आंतरिक रूप से नया रूप दिया गया है। रालामंडल पहाड़ी के इस शीर्ष से इंदौर शहर का सुंदर नज़ारा भी दिखाई देता है।
जल संसाधन मंत्री को बिठाकर वन मंत्री ने चलाई जिप्सी
मंत्री विजय शाह ने मंत्री सिलावट को जिप्सी में बिठाकर ड्राइव करते हुए रालामंडल के चारों तरफ़ की बाउंड्री का निरीक्षण किया। सिलावट ने शाह को बताया कि 1985 के दौरान जब वे वन और पर्यटन विभाग से संबंधित संसदीय सचिव थे, तब उन्होंने प्रयास करके रालामंडल का नोटिफिकेशन कराया था और एक मूलभूत फ़ेंसिंग यहां कराई गई थी।
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