Header Ads Widget

Responsive Advertisement

पहली से 12वीं तक कक्षाएं लगाने पर CBSE स्कूल सहमत:बच्चों की संख्या बढ़ने पर ही चलेंगी सीबीएसई स्कूलों की बसें, अभी टिफिन लेकर जाना पड़ेगा स्कूल

 

शहर के सीबीएसई स्कूलों को सितंबर के पहले सप्ताह से पूरी तरह से खोले जाने को लेकर निर्णय हो गया है। शहर के सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधनों की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई है। अभी तक स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को ही अलग-अलग दिन बुलाया जा रहा था। अब सितंबर के पहले सप्ताह से पहली से 8वीं तक के छात्रों को भी स्कूल में पढ़ाई कराई जाएगी। वहीं, 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं नियमित तौर पर लग सकेंगी। इसके चलते पहली से 12वीं तक के स्कूलों के खुलने का रास्ता साफ हो गया है।

सहोदय संस्था के 45 सदस्य व संस्था के अंतर्गत आने वाले सीबीएसई स्कूलों के प्रबंधनों की बैठक में स्कूलों को खोले जाने को लेकर लिए गए निर्णय में तय किया गया कि पालकों से इसको लेकर सहमति ले ली जाए। ऑनलाइन पढ़ाई को धीरे-धीरे कम किया जाएगा और ऑफलाइन पढ़ाई को बढ़ाया जाएगा। 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को नियमित तौर पर सप्ताह में 5 या 6 दिन बुलाया जाएगा। 8वीं तक के छात्रों को स्कूल बुलाने को लेकर शासन की गाइडलाइन का इंतजार किया जाएगा। उसके अनुसार ही निर्णय लेकर छात्रों को स्कूल बुलाएंगे।

बच्चों की संख्या तय करेगी बस शुरू होगी या नहीं
एनी बेसेंट स्कूल के डायरेक्टर मोहित यादव ने बताया कि स्कूल में पहुंचने वाले बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो स्कूल बसों के संचालन को शुरू किए जाने को लेकर भी विचार जा सकता है। शुरुआत में कम बच्चों के कारण ट्रांसपोर्ट शुरू करना संभव नहीं दिखता है।

अभी बच्चों को टिफिन ही लाना होगा स्कूल
सदस्यों का कहना था स्कूलों में मैस शुरू किए जाने को लेकर फिलहाल रोक रहेगी। छात्रों को घर से ही टिफिन लेकर आना होगा और स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठ कर लंच करना होगा।

15 सितंबर के बाद एक बार फिर होगी बैठक
सहोदय संस्था के अध्यक्ष यूके झा ने बताया 15 सितंबर के बाद एक बार फिर बैठक होगी। स्कूल प्रबंधनों से पूछेंगे कि स्कूलों को संचालित किए जाने में किस तरह की समस्याओं का सामना उन्हें करना पड़ रहा है। इसके बाद निराकरण के प्रयास करेंगे।

गाइडलाइन के बाद ही तय करेंगे स्कूल खोलें या नहीं
एमपी बोर्ड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के नगर अध्यक्ष अरुण खरात का कहना है कि शासन की तरफ से दिशा-निर्देश नहीं आ जाते, तब तक कोई निर्णय नहीं लेंगे। गाइडलाइन आने के बाद ही पहली से 8वीं तक के स्कूलों को खाेले जाने के बारे में एसोसिएशन की तरफ से बात करके तय किया जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ