टीकाकरण केन्द्रो पर इन दिनों अजीब स्थिति बन रही है। कई लोगों को को-वैक्सीन के पहले डोज का स्लॉट नहीं मिल पा रहा तो कई लोग कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के अलावा को-वैक्सीन के दूसरे डोज की स्लॉट बुकिंग नहीं कर रहे। इससे केंद्रों पर जितने टीके लगाने का टारगेट तय किया जा रहा, उतनी संख्या में लोग पहुंच नहीं रहे। शनिवार को 165 केंद्रों पर 52 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था लेकिन 39 हजार को ही टीका लग पाया। तीन हजार कोविशील्ड और आठ हजार को-वैक्सीन के डोज वापस फोकल पॉइंट पर भेजे गए। अधिकारी इसकी वजह बता रहे हैं कि तय संख्या में स्लॉट बुकिंग नहीं हुई थी। 3 बजे ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन किया गया, लेकिन फिर भी तय टारगेट के अनुसार कम टीकाकरण हुआ। इसके पहले 80 हजार लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 63 हजार लोगों का ही टीकाकरण हो पाया।
जिला टीकाकरण शाखा के डॉ. तरुण गुप्ता से जब टारगेट से कम संख्या में टीकाकरण को लेकर बात की गई तो उनका कहना था कि लोग कम संख्या में आए। इसकी वजह यह हो सकती है कि ऑनलाइन बुकिंग न हो पाई हो लेकिन हमने ऑन स्पॉट बुकिंग की व्यवस्था भी की है। हितग्राहियों को फोन कर बुलवाया जा रहा है।
43 हजार डोज लगाने का लक्ष्य है आज 24 लाख 74 हजार 194 को पहला डोज लग चुका 6 लाख 20 हजार 204 को दूसरा डोज लग चुका 22.09 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुके
एक से डेढ़ लाख लोग ऐसे, जिनके दूसरे डोज की तारीख आ चुकी, लेकिन टीका नहीं लग सका
सोमवार को 120 केंद्रों पर 43 हजार डोज लगाने का लक्ष्य है। इसमें टीके का पहला व दूसरा डोज लगेगा। जिले में अब तक 24 लाख 74 हजार 194 लोगांे को पहला डोज लगा है। 6 लाख 20 हजार 204 को दूसरा डोज लगा है। यानी अभी तक 22.09 फीसदी आबादी को ही शत-प्रतिशत डोज लगा है। मई तक करीब आठ लाख लोगों को पहला डोज लगा था। इसके बाद विशेष अभियान चलाया गया तो अब 24 लाख से ज्यादा लोगों को टीके का पहला डोज लग चुका है।
हालांकि अभी करीब डेढ़ लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें दूसरा डोज लगने की तारीख आ चुकी है लेकिन उन्हें टीका नहीं लग पाया है। इसकी दो वजह बताई जा रही है। पहली यह है कि बुकिंग के तहत लोगों को स्लॉट नहीं मिल पा रहा है और दूसरी प्रमुख वजह यह है कि कुछ दिन पहले तक वैक्सीन भी कम मात्रा में मिल रही था। इस कारण पहला डोज नहीं लग पा रहा था।
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