14 सितंबर 2019 को शुरू हुए 31.55 किलोमीटर के इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट को वर्ष 2023 में पूरा करने का दावा किया गया था। कंसल्टेंट और कॉन्ट्रैक्टर विवाद के चलते दो साल में एक प्रतिशत काम भी नहीं हो सका। अब प्रोजेक्ट की नई डेडलाइन 2025 तय कर दी गई है। इसे लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिलने के बाद अब तीसरी बार इंदौर मेट्रो का काम फिर से शुरू हुआ है।
कॉन्ट्रैक्टर दिलीप बिल्डिकॉन का कुछ स्टाफ पहुंच चुका है। बाकी 200 लोगों का स्टाफ और 300 लेबर अगले सप्ताह पहुंचेंगे। अभी एमआर-10 पर टूटे पतरों की मरम्मत शुरू की गई है। पाइलिंग मशीनों के आने के बाद 15 अगस्त के आसपास बचे हुए 162 पिलरों की पाइलिंग का काम शुरू होगा।
इंदौर मेट्रो का काम फरवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन लगातार काम बंद रहने से दो साल की समय सीमा और बढ़ा दी गई है। 2023 तक अब सिर्फ प्रायोरिटी कॉरिडोर को ही पूरा करने का लक्ष्य है। कंसल्टेंट और कॉन्ट्रैक्टर विवाद अब सुलझ चुका है। दावा है, 15 अगस्त के बाद काम तेजी से चलेगा।
प्रोजेक्ट : 31.55 में से 24 किमी में बनना है एलिवेटेड ट्रैक, हकीकत : 1 भी पिलर तैयार नहीं
- 31.55 किमी कुल ट्रैक
- 24 किमी में एलिवेटेड ट्रैक
- 7.48 किमी का अंडरग्राउंड ट्रैक
- 29 जगह बनेंगे मेट्रो स्टेशन
- 7500.8 करोड़ कुल लागत
- 50:50 खर्च केंद्र और राज्य सरकार के
- 440 करोड़ का काम पीपीपी मोड पर
तीन हिस्से में अलग-अलग होगा काम
- दिसंबर 2023 तक (16.19 किमी) : गांधीनगर से मुमताज बाग येलो लाइन का काम होगा।
- अप्रैल 2024 तक (7.24 किमी) : मुमताज बाग से रेलवे स्टेशन का काम होगा।
- मई 2025 तक (8.12 किमी) : गांधीनगर से रेलवे स्टेशन तक का काम होगा।
दो बार पहले शुरू होकर बंद हो चुका काम
- पहली बार : 14 सितंबर 2019
- जनरल कंसल्टेंट और कॉन्ट्रैक्टर में विवाद से काम रुका।
- दूसरी बार : 6 जनवरी 2021
- जनरल कंसल्टेंट ने डिजाइन अटकाकर काम रुकवाया।
- तीसरी बार : 31 जुलाई 2021
- अब दावा- बिना रुकावट तेजी से चलेगा काम।
50 करोड़ से होगी बिजली शिफ्टिंग
विद्युत रिसीविंग और फूड डिस्ट्रीब्यूशन वितरण के डिजाइन कंसल्टेंसी सेवा के लिए 5.99 करोड़ के अनुबंध हो चुके हैं। इसी के साथ अंडरग्राउंड स्टेशन, टनल्स, डिपो के लिए जिओ टेक्निकल इन्वेस्टिंग स्टडी के लिए भी अनुबंध हो चुके हैं।
181 में से 19 पिलर की ही पाइलिंग हो सकी, पिलर एक भी तैयार नहीं
पहले फेज में 5.29 किमी में 181 पिलर तैयार करना है। इनमें सिर्फ 19 पिलर की ही पाइलिंग हो सकी है। कंपनी के सुपर कॉरिडोर स्थित यार्ड में 250 गर्डर बनकर तैयार हैं।
पहली बार 10 दिन में इतनी हलचल
- प्रशासन ने जमीन संबंधी सभी विवादों का 22 जुलाई को निराकरण किया।
- 27 जुलाई को जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मेट्रो को लेकर बात की।
- 31 जुलाई को सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर मेट्रो ऑफिस में समीक्षा बैठक ली। इसमें एमडी मनीष सिंह भोपाल से सम्मिलित हुए और आगे की तैयारियों का प्रेजेंटेशन दिया। लालवानी ने कहा 20 अगस्त के बाद एमआर-10 से मुमताजबाग तक काम नजर आने लगेगा।
पूरा ट्रैक नहीं बने, तब तक लोगों को फायदा नहीं होगा : सांसद
सांसद लालवानी ने एमडी से कहा- पहले चरण का काम हो रहा है। दूसरे फेज के टेंडर हो गए हैं, लेकिन मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर गांधीनगर से मुमताज बाग तक ही है। यह पूरा आउटर एरिया है। यहां मेट्रो शुरू होने से भी लोगों को फायदा नहीं मिलेगा। इसके लिए जरूरी है, 31.55 किमी की पूरी रिंग का काम जल्द पूरा हो। उन्होंने कहा, मुमताजबाग के बाद मेट्रो के लिए पलासिया से लेकर एमजी रोड और राजबाड़ा क्षेत्र में खुदाई होगी। इसके लिए जरूरी है, जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर बात की जाए। सांसद ने बताया, 3 अगस्त को दिल्ली में शहरी विकास मंत्रालय की बैठक है। उसमें भी इंदौर मेट्रो के मुद्दे पर बात की जाएगी।
इंदौर से दो माह बाद शुरू हुआ भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट 60% पूरा
इंदौर से दो माह बाद शुरू हुए भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का काम 60% पूरा हो चुका है। सारे पिलर तैयार होने के साथ ही वहां गर्डर भी अब डाली जा रही है।
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