भारत से सस्ते दाम पर शांजा ऑयल (SZANZA OIL) खरीदकर साउथ अफ्रीका में महंगे दाम में बिकवाने का झांसा देकर जालसाज ने भोपाल के कारोबारी से 20 लाख रुपए ठग लिए। जालसाज ने खुद को घाना का रहने वाला बताया था। जालसाज के झांसे में आए कारोबारी ने कोयंबटूर, तमिलनाडु से 10 लीटर ऑयल खरीदने के लिए करीब 20 लाख रुपए ऑनलाइन भुगतान कर दिया। तेल का दाम 2 लाख रुपए प्रति लीटर था। हबीबगंज पुलिस ने कारोबारी की शिकायत पर छह आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। फिलहाल, आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि SZANZA OIL नाम से देश में कोई ऑयल नहीं है। आरोपियों ने जो तेल भेजा था, वह फूड ऑयल है।
जालसाज ने वॉट्सऐप मैसेज भेजकर चर्चा की
हबीबगंज थाना के एसआई मनोज यादव ने बताया कि अरेरा कालोनी निवासी जयभगवान सांगवान की गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रो ऑटो इंडस्ट्रीज नाम से फैक्ट्री है। उन्होंने पुलिस को बताया कि 24 जुलाई 2021 की शाम करीब साढ़े सात बजे उनके वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया। मैसेज भेजने वाले ने खुद का नाम टोनी मेनसाह, घाना का रहने वाला बताया। टोनी ने उन्हें घोड़ों का फूड सप्लीमेंट, इबोला वायरस की वैक्सीन की खरीदी-बिक्री को लेकर व्यवसायिक चर्चा की।
यह बात जयभगवान ने अपने बेटे साहिल को बताई। साहिल ने टोनी से संपर्क किया। टोनी ने साहिल को बताया कि भारत में हिंदुस्तान एग्रो के नाम से कोयंबटूर, तमिलनाडु में एक कंपनी है, जो SZANZA OIL का उत्पादन करती है। यह ऑयल घोड़ों के उपयोग में आता है। उसकी मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कश्मीरा हैं। इनसे आप SZANZA OILखरीदकर हमारी कंपनी घाना कमर्शियल एग्रीकल्चर को दोगुने दाम में बेच देना। इसके लिए घाना कमर्शियल एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के सीईओ से बात करनी पड़ेगी। टोनी ने बताया कि हमारी कंपनी को हर तीन महीने में 350 गैलेन SZANZA OIL की डिमांड रहती है।
दो लाख रुपए प्रति लीटर है तेल
टोनी ने बताया कि कंपनी 80% पैसा एडवांस में, जबकि 20% डिलीवरी के साथ भुगतान करती है। डील से काफी प्रॉफिट होगा। प्रॉफिट का 70% तुम रख लेना, 30% हम लेंगे। टोनी के झांसे में आए साहिल ने उसके द्वारा बताई गई कंपनी की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. कश्मीरा से फोन पर बात कर 5 लीटर ऑयल करीब 10 लाख रुपए में खरीद लिया। भुगतान के लिए डॉ. कश्मीरा की असिस्टेंट रूही ने उनके वॉट्सऐप नंबर पर बैंक खाते का नंबर भेजा। 6 अगस्त को उन्होंने 10 लाख रुपए आनलाइन ट्रांसफर कर दिए। कोरियर के जरिए उनके पास 5 लीटर ऑयल भी आ गया। इसी बीच टोनी ने फोन कर बताया कि घाना की कंपनी के कर्मचारी सैंपल चेक करेंगे। सैंपल के लिए दो गैलन ऑयल की जरूरत होगी। तभी वे अप्रूव करेंगे।
दो बार में 20 लाख रुपए ले लिए
इस पर साहिल ने फिर से 5 लीटर ऑयल खरीदने के लिए ऑनलाइन भुगतान कर दिया। 11 अगस्त को डॉ कश्मीरा के कहने पर साहिल मुंबई पहुंचा। जहां, घाना कमर्शियल एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट के सीईओ डॉ क्वामी ओसाई द्वारा भेजे गए ई-मेल के अनुसार विदेशी नागरिक (नीग्रो) एशियन हॉस्पिटल के पास उन्हें मिला, जिसने खुद का नाम राजू बताया। उसने साहिल से सैंपल लिया। थोड़ी देर बाद राजू ने फोन कर बताया कि आपका सैंपल पास हो गया है। इसके बाद सीईओ ओसाई ने मेल किया कि 25 गैलन ऑयल और अरेंज कर दो। जब साहिल ने कहा कि पहले के ऑर्डर का पैसा नहीं मिला तो आरोपी एक साथ भुगतान करने का झांसा देने लगे। ठगी का अहसास होने के बाद साहिल ने कंपनी का जीएसटी नंबर खंगाला, जो फर्जी निकला। जिस बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए थे, वह बैंक खाता आईडीबीआई, लाल बंगला, अहमदाबाद गुजरात से संचालित होना पाया गया। टोनी ने साहिल को जिन कंपनियों के एमडी, सीईओ के नंबर दिए थे, वे सभी भी फर्जी थे। यह सभी लोग ठगी की गैंग का हिस्सा थे।
कोरियर से भेजा सामान्य ऑयल
जालसाजों ने कोरियर से जो ऑइल साहिल को भेजा था, वह भी सामान्य फूड ऑइल है। पुलिस का कहना है कि ठगी का यह नया तरीका है। पुलिस आरोपियों की पहचान करने के लिए उनके बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है। हालांकि पुलिस को यह आशंका है कि आरोपियों ने ठगी की रकम मंगाने के लिए फर्जी खाते खुलवाए होंगे।
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