कोरोना संक्रमण का असर भले ही कम हो गया है, लेकिन अब भी डेल्टा वैरिएंट के केस सामने आ रहे है। जुलाई में 21 सैंपल जांच के लिए इंदौर से दिल्ली की एनसीडी लैब भेजे गए थे। इनमें से दो में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है। हालांकि राहत की बात यह है कि जिन मरीजों में डेल्टा वैरिएंट मिला है, उनमें भी बीमारी घातक नहीं हुई। यह दो मरीज भी वे हैं जिनकी रिपोर्ट जून में पॉजिटिव आई थी। प्रदेश में सबसे ज्यादा इंदौर जिले से अब तक 700 सैंपल वैरिएंट की जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
शनिवार को अगस्त के 11 सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। इनमें तीन खरगोन जिले के हैं। मार्च से मई तक ज्यादातर सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिल रहा था। जनवरी में सिर्फ एक सैंपल में अल्फा, फरवरी में 6 में अल्फा, मार्च में 26 सैंपल में से 4 में अल्फा, अप्रैल में 47 में से सिर्फ एक में अल्फा और मई में भी 34 में से सिर्फ 1 में अल्फा और बाकी में डेल्टा वैरिएंट मिला था।
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