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अफगानिस्तान संकट का असर:दो माह में अफगानी ड्रायफ्रूट के दाम 30% तक बढ़े, इंदौर के लाखों के ऑर्डर अटके

कारोबारी नवीन बिनवानी के अनुसार, दो माह में वहां हालत काफी बदल गए हैं। ड्रायफ्रूट्स के भाव दोगुना तक हो गए। - Dainik Bhaskar
कारोबारी नवीन बिनवानी के अनुसार, दो माह में वहां हालत काफी बदल गए हैं। ड्रायफ्रूट्स के भाव दोगुना तक हो गए।
  • 6 किस्म के ड्रायफ्रूट अफगानिस्तान से ही आते हैं

अफगानिस्तान संकट के चलते वहां से दिल्ली होते हुए इंदौर आने वाले 6 तरह के ड्रायफ्रूट के चार कंटेनर अटक गए हैं। दो माह में दाम भी 30 फीसदी तक बढ़े हैं। इनमें करीब 4 टन माल हैं, जिनमें अंजीर, मुनक्का, किशमिश कंधारी, जर्दालु, पिस्ता हैराती व पिस्ता पिशौरी शामिल हैं। इंदौर से ही पूरे प्रदेश में माल भेजा जाता है।

दिल्ली के इम्पोर्टरों ने देशभर के लिए 20 दिन पहले 11 कंटेनर ड्रायफ्रूट का ऑर्डर दिया था, सोमवार तक 7 कंटेनर ही आ पाए हैं। बाकी 4 कंटेनर कहां अटके हैं, कब आएंगे, यह स्पष्ट नहीं है, जबकि त्योहारी सीजन के चलते मांग ज्यादा है।

एक सप्ताह का ही स्टॉक

अफगानी ड्रायफ्रूट्स का शहर में एक सप्ताह का ही स्टाक बचा है। व्यापारियों के अनुसार, अभी तक इंदौर में रोज 7240 किलो ड्रायफ्रूट आ रहे थे। अंजीर व जर्दालु का अफगानिस्तान के अलावा बेहतर विकल्प नहीं है। मुनक्का (अफजोश) भी वहीं से आता है। कारोबारी नवीन बिनवानी के अनुसार, दो माह में वहां हालत काफी बदल गए हैं। ड्रायफ्रूट्स के भाव दोगुना तक हो गए। अक्षत खंडेलवाल के अनुसार, हालात सामान्य होने तक इंतजार करना पड़ सकता है।

60 लाख रोज का कारोबार

प्रभावित- थोक व्यापारियों के मुताबिक करीब 60 लाख रु. रोज का बिजनेस है अफगानी ड्रायफ्रूट का। रोज 7240 किलो ड्रायफ्रूट आते हैं।

सरकार का रुख स्पष्ट होने तक आवक मुश्किल ही है

जब तक वहां की सरकार व्यापार को लेकर रुख स्पष्ट नहीं करती, अफगानी ड्रायफ्रूट की आवक मुश्किल ही है।
जनाब पठान, ड्रायफ्रूट इम्पोर्टर, दिल्ली

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