- 16 साल के कार्यकाल में 14 साल मप्र में रहे, अभी सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं जस्टिस माहेश्वरी
मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 10 साल तक रहे सिक्किम हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (वर्तमान में) जितेंद्र कुमार माहेश्वरी अब सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे। 31 अगस्त को सीजेआई उन्हें शपथ दिलाएंगे। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में तीन महिला न्यायाधीशों समेत नौ नए जजों की नियुक्ति हो गई। जस्टिस माहेश्वरी रात 8 बजे तक सुनवाई करने के लिए चर्चित हैं।
इंदौर में तीन मौकों पर उन्होंने रात तक सुनवाई की। 16 साल के कार्यकाल में वे 14 साल तक मप्र में रहे। कोरोनाकाल में उन्होंने आंध्रप्रदेश और सिक्किम हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहते 15 हजार से ज्यादा प्रकरण निराकृत किए। उनकी विनम्रता वकीलों में सबसे बड़ी पहचान है।
इंदौर में रहे शर्मा चीफ जस्टिस की दौड़ में
इंदौर खंडपीठ में लंबे समय तक प्रशासनिक जज रहे जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बन सकते हैं। वहीं हाईकोर्ट में जजेस की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। इसके जवाब में अटार्नी जनरल पहले ही साफ कर चुके थे कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से हाई कोर्ट जजेस के लिए जो नाम क्लियर हैं, उनमें से कुछ पर आपत्ति है, इसलिए क्लियर नहीं किए जा रहे।
- प्रदेश से नाता रखने जस्टिस झा का नाम भी था, विरोध के कारण रुका
विधि के जानकारों का कहना है कि मप्र से नाता रखने वाले दो जजेस के नाम सुप्रीम कोर्ट के लिए दौड़ में थे। जस्टिस माहेश्वरी के अलावा कार्यकारी चीफ जस्टिस रहे आरएस झा का नाम था। जस्टिस झा देशभर के हाई कोर्ट जजेस में वरीयता के क्रम में तीसरे नंबर पर हैं। वे फिलहाल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी हैं।
उनका नाम दौड़ में आते ही सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व चीफ जस्टिस ने उनकी शिकायत चीफ जस्टिस को भेज दी थी। इसमें आर्थिक अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी उनका बहिष्कार कर दिया था।
वर्मा बने हाईकोर्ट जज, इंदौर से शरण और पाटनकर के नाम होल्ड पर ही
केंद्रीय विधि मंत्रालय ने हाईकोर्ट जज के लिए भी नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें केवल जबलपुर के अधिवक्ता प्रणव वर्मा का नाम है। वे भी शपथ 27 अगस्त को शपथ लेंगे। वहीं केंद्र सरकार के पास हाईकोर्ट जज के लिए तीन माह से अटके इंदौर के अधिवक्ता विवेक शरण, निधि पाटनकर के नाम होल्ड पर ही रहे।
नौ नए जज में से जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला सीजेआई बनने की दावेदार
नई दिल्ली| अब सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत 34 पदों में से सिर्फ एक पद खाली रह गया है। नए जजों में शामिल जस्टिस बीवी नागरत्ना सितंबर-2027 में देश की पहली महिला सीजेआई की दावेदार हो सकती हैं। वे फिलहाल कर्नाटक में हाईकोर्ट पदस्थ हैं। उनके अलावा, तेलंगाना हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस हिमा कोहली और गुजरात हाईकोर्ट की जस्टिस बेला एम त्रिवेदी नए जजों में शामिल हैं। जस्टिस कोहली इसी एक सितंबर को सेवानिवृत्त होतीं, लेकिन शीर्ष कोर्ट में जज बनने से कार्यकाल तीन साल बढ़ जाएगा।
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