- भोपल में 11 अगस्त से खुल चुकी कोचिंग, इंदौर में अनलॉक के ढाई महीने बाद भी इंतजार
शहर काे अनलॉक हुए ढाई माह बीत चुके हैं, लेकिन कोचिंग क्लासेस अब भी बंद हैं। भोपाल में 11 अगस्त को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ कोचिंग खुल चुके हैं, वहीं सागर और जबलपुर में भी इसके आदेश हो गए। कोचिंग बंद होने से सालभर में सरकार को 400 करोड़ रुपए के टैक्स का नुकसान हो चुका है। इसमें 150 करोड़ अकेले इंदौर से टैक्स मिलता है। मालूम हो, सरकार कोचिंग संस्थाओं से 18 प्रतिशत जीएसटी वसूलती है। इंदौर कोचिंग एसोसिएशन इस संबंध में कलेक्टर से मिल चुका है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि दांगी के मुताबिक कलेक्टर से कहा है कि कोचिंग वाले 100% वैक्सीनेशन के बाद पढ़ाने को तैयार हैं तो सरकार को क्या दिक्कत है। कोचिंग संचालन पर राज्य के पांच लाख परिवार निर्भर हैं। इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में तो कोचिंग से ही कई व्यापार जैसे भोजनालय, हॉस्टल, स्टेशनरी, आदि पूर्ण रूप से निर्भर हैं।
आपदा प्रबंधन समिति को कोचिंग पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए
स्कूल शिक्षा विभाग ने 23 जुलाई को जो आदेश जारी किए थे, उसमें स्पष्ट किया था कि कोचिंग का निर्णय जिला आपदा प्रबंधन समिति ले। यह भी स्पष्ट किया था कि 12वीं के लिए 5 अगस्त से कोचिंग शुरू हो सकेंगी। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। प्रशासन कोचिंग संस्थाओं के संचालन की नियमित रूप से जांच करेगा कि कोविड-19 नियमों और प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है या नहीं?
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