बारिश शुरू होते ही शहर की सड़कों पर फिर गड्ढे हो गए हैं। इन सड़कों को सुधारने के लिए नगर निगम हर साल करीब 10 करोड़ रुपए खर्च कर देता है। पांच साल से बार-बार एक ही स्थान पर गड्ढे हो रहे। 50 करोड़ बर्बाद करने के बाद भी इस साल बारिश में फिर वही सड़कें खराब हुई हैं। मेंटेनेंस की भी दो साल की गारंटी होती है, लेकिन सालभर भी मेंटेनेंस नहीं टिक रहा।
10 फीसदी सड़कें ही डामर की बचीं, उन्हीं पर हर साल होते हैं गड्ढे
शहरी क्षेत्र में 3572 किमी लंबी सड़कें हैं। इनमें लगभग 3200 किमी की सड़कें सीमेंट की बन चुकी हैं। सिर्फ 10% सड़कें ही डामर की बची हैं। इन्हीं पर बारिश में हर साल गड्ढे होते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक 15 करोड़ में ये 10% सड़कें भी सीमेंट की बन सकती हैं। यह राशि निगम का सिर्फ डेढ़ साल का मेंटेनेंस बजट है। सीमेंट सड़कों पर क्रेक आने पर डामर की सरफेसिंग कर दी जाती है। ऐसे में मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च भी नहीं होगा।
हर साल 80 से 90% सड़कें खराब बता निकाल देते नया काम
1. अकेले एमआर-10 पर 100 से ज्यादा गड्ढे हैं, जबकि यहां हर साल मेंटेनेंस किया जाता है।
2. विजयनगर चौराहे पर मंगलसिटी के सामने सिग्नल से पहले हर साल एक ही स्थान पर बड़ा गड्ढा हो जाता है। हर साल यहां मेंटेनेंस होता है, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल सका है।
3. देवास नाका पर गड्ढों के कारण रोज एक-दो दुर्घटनाएं होती हैं। तीन इमली बस स्टैंड जाने वाली सर्विस रोड और बायपास की सर्विस रोड पर भी हर साल गड्ढे होते हैं।
गुणवत्तापूर्ण पैचवर्क नहीं होने के कारण हर बार खराब होती हैं सड़कें
नगर निगम के रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री एनएस तोमर के मुताबिक गुणवत्तापूर्ण पैचवर्क नहीं होने से सड़कें बार-बार खराब होती हैं। गुणवत्तापूर्ण पैचवर्क के लिए डामर सड़क पर जहां गड्ढा होता है, वहां वर्गाकार गड्ढा कर नीचे का सारा मटेरियल हटाकर उसका अच्छे से भराव कर रोलर चलाना होता है। इसके बाद डामर और गिट्टी की कोटिंग की जाती है।
फिर ऊपर से डामर और चूरी का मिश्रण लगाया जाता है। जहां भी डामर की सड़क होती है, वहां स्टॉर्म वाटर लाइन का होना जरूरी है, ताकि सड़क पर जलजमाव न हो। जिन स्थानों पर पांच साल से बार-बार पैचवर्क हो रहा, वहां 50 करोड़ में तो नई सड़कें बन जाती।
10 साल से सिटी इंजीनियर अशोक राठौर बोले- शहर में ऐसी तो कोई सड़क नहीं, जहां गड्ढे हों
अफसरों ने मूंदली आंखें, इन्हें गड्ढे दिखते ही नहीं
Q. इस बार कितने स्थानों पर गड्ढे हुए। कहां पैचवर्क हो रहा? A. ऐसी तो कोई जगह नहीं है। कहीं गड्ढा होगा तो जोन स्तर पर उनका मेंटेनेंस करवा दिया जाएगा। Q. हर साल गड्ढे होते हैं। उनके लिए क्या एक्शन प्लान है? A. शहर में तो ऐसी कोई जगह ही नहीं, जहां हर साल गड्ढे होते हो। Q. विजयनगर चौराहे पर हर साल गड्ढा होता है। एमआर-10, देवास नाका, तीन इमली, ऐसे कई स्थान हैं, जहां गड्ढे हैं। A. आप जहां बता रहे, अगर वहां सड़क पर गड्ढे हैं तो हम चेक करवा लेते हैं। जरूरत हुई तो पैचवर्क होगा।
बची हुई सड़कें भी सीमेंट की बनवा देंगे
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कहा बार-बार खराब होने वाली डामर की सड़कों की जगह सीमेंट की नई सड़कें हम इसी साल से बनवाएंगे।
0 टिप्पणियाँ