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शिव पूजा के दो खास दिन:5 को प्रदोष और 6 को सावन शिवरात्रि, दोनों पर्वों पर भोलेनाथ के अभिषेक से मिलता है महापूजा का फल

 

  • सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से बढ़ती है उम्र, परेशानियों से भी मिलता है छुटकारा

सावन में भगवन शिवजी  पूजा का खास महत्व बताया गया है। इस हफ्ते सावन सोमवार के बाद शिवजी की विशेष के लिए लगातार 2 दिन मिल रहे हैं। इनमें गुरुवार को प्रदोष और शुक्रवार को सावन महीने की शिवरात्रि रहेगी। शिवपुराण के मुताबिक ये दोनों दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत खास माने गए हैं। इन तिथियों पर की गई शिव पूजा से कई गुना शुभ फल मिलता है। इन दो दिनों में जल और दूध से शिवलिंग की पूजा-अभिषेक करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है। साथ ही हर तरह की परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।

जल और दूध चढ़ाने से दूर होती है परेशानियां
सावन महीने में शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि जैसे घड़े से पानी की बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरती है, उसी तरह परेशानियां भी पानी की तरह बहकर दूर हो जाती है। साथ ही इस महीने में शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा भी है। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए इन दो दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए

मिलता है शिव महापूजा का फल
सावन महीने में प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करने की परंपरा है। साथ ही फलों के रस से भी अभिषेक करना चाहिए। शिवपुराण में बताया गया है कि फलों के रस से शिवजी का अभिषेक करने से हर तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं। इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। साथ ही शिवजी को मौसमी फलों का भोग लगाएं और इन दो दिनों तक व्रत रखें। इससे शिव महापूजा का फल मिलता है।

सावन में शिव पूजा के 2 खास दिन
प्रदोष तिथि यानी 5 अगस्त को व्रत रखें। इस दिन सूर्योदय के वक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। साथ ही शाम को सूर्यास्त के वक्त शिवजी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन सुबह-शाम शिवलिंग पर बिल्वपत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक लगाएं। मिट्‌टी के मटके में दूध और पानी भरकर शिव मंदिर में दान करें।

सावन शिवरात्रि यानी शिव चतुर्दशी 6 अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए। इस दिन मां पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं। जिससे परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इस पर्व पर रात के चारों प्रहर में पूजा करने की परंपरा भी है। यानी सूर्यास्त के बाद हर 3 घंटे में शिव-पार्वती पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।

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