देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की सीईटी (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) से पांच दिन पहले गुरुवार को बवाल खड़ा हो गया। एग्जाम एजेंसी एनटीए ने शहर और आसपास के 6 हजार छात्रों को अन्य शहरों में सेंटर अलॉट कर दिए। छात्रों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया है कि शहर में जब 17 सेंटर बनाए हैं, डीएवीवी इंदौर की यूनिवर्सिटी है तो इतनी बड़ी संख्या में यहां के छात्र बाहर जाकर एग्जाम क्यों दें? वह भी कोविड दौर में। ज्यादातर का कहना है कि सीईटी के 23 साल के इतिहास में ऐसी चूक पहले कभी नहीं हुई।
दरअसल, इन छात्रों ने सेंटर के रूप में इंदौर को प्राथमिकता दी थी। इसके बावजूद उन्हें बाहर भेजा गया। इंदौर में 17 सेंटर ही संभव, एक टेबल पर एक छात्र ही बैठेगा, इसलिए बाहर भेजा यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी डॉ. चंदन गुप्ता का कहना है कि शहर में ऑनलाइन एग्जाम के अधिकतम 17 सेंटर ही संभव थे। एक टेबल पर एक छात्र ही बैठेगा और हर टेबल के बाद दूसरी टेबल खाली रहेगी। इसलिए इंदौर में लगभग 4 हजार 800 छात्र ही एग्जाम दे पाएंगे। बाकी को भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर (518 किमी) से लेकर अन्य राज्यों में सेंटर अलॉट किया है।
एमबीए फाइनेंस सहित 41 कोर्स के लिए होगी एग्जाम
बीए एलएलबी, एमबीए एमएस, बीकॉम ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स, एमबीए फाइनेंस, मार्केटिंग, आईबी, एफएस, बीई सहित 41 कोर्स।
IMS सहित यूनिवर्सिटी के 16 विभाग हैं शामिल
आईएमएस, आईआईपीएस, स्कूल ऑफ लॉ, इकोनॉमिक्स, एसजेएमसी, फॉर्मेसी सहित 16 विभाग शामिल हैं।
नेशनल लेवल की एग्जाम कराने वाली एनटीए पहली बार करवा रही सीईटी
दरअसल, डीएवीवी की सीईटी पहली बार एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करवा रही है। एनटीए जेईई सहित नेशनल लेवल की अन्य बड़ी एग्जाम करवाती है।
छात्रों ने कहा, इतनी दूर सेंटर, कैसे जाएंगे एग्जाम देने
छात्र अमन शर्मा का कहना है कि मैं इंदौर में रहता हूं। अब ग्वालियर सेंटर अलॉट कर दिया। ट्रेन से जाना पड़ेगा। पहले ही कोविड का दौर है। बहुत परेशानी बढ़ गई है। एग्जाम दे भी पाऊंगा या नहीं, यही चिंता है। छात्र विनीत तिवारी ने कहा मुझे जबलपुर एग्जाम देने जाना पड़ेगा। प्राथमिकता इंदौर को ही दी थी। अब एग्जाम कैसे दे पाऊंगा, यही चिंता है। सेंटर अलॉटमेंट का यह है सिस्टम सामान्य तौर पर छात्र को पहली पसंद का शहर ही अलॉट किया जाता है। या फिर दूसरी पसंद को महत्व दिया जाता है। लेकिन यहां तो कई छात्रों को तीसरी और चौथी पसंद के शहर अलॉट कर दिए गए।
सीईटी में चूक लगातार सामने आती रही
- पहले एग्जाम की तारीख 25 अगस्त बताई गई। फिर उसे अचानक 31 अगस्त किया गया।
- पहले आवेदन की तारीख 9 अगस्त फाइनल की गई। फिर तारीख दो दिन बढ़ाई गई।
- पहले कहा गया, जो जिस शहर में है, वहीं या उसके आसपास एग्जाम दे सकेंगे। फिर सेंटर दूर अलॉट कर दिए।
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