Header Ads Widget

Responsive Advertisement

600 बच्चों के बीच किए गए सर्वे में खुलासा:बच्चों में 3 गुना बढ़ा साइबर क्राइम; अब साय कॉप्स प्रोजेक्ट से शिक्षकों को सुरक्षा की ट्रेनिंग

  • कक्षा 6 से 12वीं के 20 स्कूलों के 600 बच्चों के बीच किए गए सर्वे में हुआ खुलासा

कोरोना काल मार्च 2020 के बाद स्कूल बंद होने से बच्चों का जिस तरह से स्क्रीन टाइम बढ़ा है उसी तेजी से साइबर क्राइम के मामले भी बढ़ रहे हैं। पहले रोजाना 6 से 7 केस बच्चों से जुड़े साइबर क्राइम के आते थे, लेकिन अब 20 केस आ रहे हैं। यह खुलासा शहर के कक्षा 6 से 12वीं के बच्चों के बीच किए गए सर्वे में सामने आया है। 90 प्रतिशत छात्रों को आईटी एक्ट के बारे में जानकारी नहीं है। बच्चों को साइबर क्राइम से जागरूक करने के लिए अब साय-कॉप्स प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।

इसकी शुरुआत गुरुवार से एयरपोर्ट रोड स्थित आरएपीटीसी में 12 स्कूलों के करीब 50 शिक्षकों साथ की जाएगी। आरएपीटीसी में एडीजीपी डाॅ. वरुण कपूर के नेतृत्व में यह ट्रेनिंग सेशन दो दिन तक चलेगा। इसके बाद समय-समय पर यह ट्रेनिंग होती रहेगी।

साइबर ग्रूमिंग बड़ा खतरा, इसके बारे में 60% नहीं जानते
साइबर एक्सपर्ट गौरव रावल बताते हैं कि सर्वे में सामने आया कि बच्चों का औसत स्क्रीन टाइम 8 से 9 घंटे हो गया। इसमें ढाई से 3 घंटे ऑनलाइन क्लास के रहते हैं, बाकी गेम्स व अन्य प्लेटफॉर्म पर समय खर्च होता है। अभी साइबर ग्रूमिंग बच्चों के साथ होने वाला सबसे बड़ा अपराध बनता जा रहा है, लेकिन ऑनलाइन क्लास वालेे 60 % विद्यार्थी साइबर ग्रूमिंग शब्द के बारे में जानते ही नहीं।

यह होता साइबर ग्रूमिंग : साइबर अपराधी पहले बच्चों की प्रोफाइल पर नजर रखना शुरू करते हैं। फिर उसकी पसंद और पोस्ट को ध्यान में रख फेक प्रोफाइल तैयार करते हैं। इसके जरिए इमोशनल बातें करते हैं, अपने सीक्रेट्स भी शेयर करते हैं। इससे बच्चा विश्वास करने लगता है और अपने सीक्रेट्स शेयर करता है। इसके बाद ब्लैकमेलिंग का सिलसिला शुरू हो जाता है। बच्चा डर के मारे यह बात किसी तो नहीं बताता है।

साइबर क्राइम से ऐसे बचें

  • ऑनलाइन अनजान लोगों से दोस्ती न करें। प्रोफाइल फेक हो सकती है।
  • सोशल मीडिया पर पर्सनल डिटेल न डालें। लोकेशन शेयर ना करें।
  • ब्राउजिंग करते समय रिक्वेस्ट ना स्वीकारें।
  • प्राइवेसी प्राइवेट रखें।
  • एप्स ट्रस्टेड वेबसाइट से ही डाउनलोड करें। अनचाहे पाॅपअप्स पर क्लिक ना करें।

ताकि बच्चे हो सकें जागरूक
एडीजी डाॅ. वरुण कपूर ने कहा-मैंने साइबर क्राइम में जागरूकता पर देशभर में वेबिनार-सेमिनार किए हैं। अब स्कूली बच्चों को ध्यान में रखते हुए साय-कॉप्स प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। हर स्कूल से 4-5 टीचर्स को साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग देंगे। यही स्कूल में बच्चों को जागरूक करेंगे।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ