एक और शहर ने वैक्सीनेशन महाभियान के दौरान सबसे ज्यादा वैक्सीन कर देश के पटल पर नाम दर्ज किया। हाल में शहरी क्षेत्र में पहले डोज का 100 % टारगेट पूरा कर लिया। अब ग्रामीण क्षेत्रों में पहला डोज 100 % पूरा करने की तैयारी है।
ऐसे ही शहरी क्षेत्र में ध्यान दूसरे डोज पर फोकस है, लेकिन सोमवार को अधिकारियों की उम्मीदों पर पानी फिरते नजर आया। विभाग का 78 हजार डोज लगाने का टारगेट था। इसके लिए 270 सेंटर बनाए गए लेकिन अधिकांश सेंटर खाली रहे। बहुत कम लोग वैक्सीन लगवाने आए। शाम तक सिर्फ 30474 लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई यानी मात्र 39 % ही वैक्सीनेशन हुआ। इसके पीछे लोगों की उदासीनता तो सामने आई ही है। साथ में अंतिम सावन सोमवार, उपवास, कावड़ यात्रा में जाने जैसे कारण भी सामने आए हैंं।
विभाग ने 270 में से 145 सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों और 125 शहरी क्षेत्रों में बनाए थे। इस दौरान दोनों ही क्षेत्रों में बहुत कम लोग वैक्सीन लगाने आए। कई सेंटरों की हालत यह थी दोपहर 2 बजे तक इक्का-दुक्का ही लोग आ रहे थे। आम्बेडकर नगर गार्डन, एमटीएच, मल्हारगंज लाल अस्पतालों के सेंटरों स्टाफ खाली हाथ बैठा रहा।
निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने इस बार स्पष्ट कर दिया था कि जिन लोगों ने ऑन लाइन स्लॉट बुकिंग नहीं की है, वे सेंटरों पर पहुंचकर टोकन लेने के बाद वहीं रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीन लगवा सकते हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या भी कम रही। वैसे, शहरी क्षेत्र में एक कारण देखा गया है कि लोग पहले डोज के बाद उदासीन हो गए हैं। इसकी अवधि खत्म होने के बाद भी वे दूसरा डोज नहीं लगवा रहे हैं। ऐसे करीब दो लाख लोग हैं जिन्हें अब दूसरा डोज लगाया जाना है।
दूसरी ओर देपालपुर, बेटमा, हातोद आदि क्षेत्रों के सेंटरों पर भी बहुत कम लोग आए। टीकाकरण अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता व अन्य डॉक्टरों ने गांवों के सेंटरों का दौरा किया तो यहां भी संख्या काफी कम थी। इसके पीछे कारण अंतिम सावन सोमवार, उपवास और कावड़ यात्रा में जाने जैसे कारण सामने आए हैं।
मंगलवार को गर्भवती महिलाओं को कोवैक्सीन का पहला डोज लगाया जाएगा। इसके लिए एमवायएच, पीसी सेठी सेंटर, नंदा नगर प्रसूति गृह, मांगीलाल चूरिया अस्पताल व बाणगंगा सरकारी अस्पताल में सेंटर बनाए गए हैं।
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