रविवार, 8 अगस्त की को सावन माह की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि पर किए गए पूजा-पाठ जल्दी सफल होते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए इस अमावस्या पर पूजा-पाठ के साथ ही पौधारोपण करना चाहिए। यहां जानिए हरियाली अमावस्या पर और कौन-कौन से शुभ काम कर सकते हैं...
शिवजी और देवी पार्वती की पूजा करें
अमावस्या तिथि पर पति-पत्नी को एक साथ शिवजी और देवी पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पूजा में ऊँ उमामहेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें। देवी मां को सुहाग का सामान चढ़ाएं। शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें। पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए। भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें। पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी ग्रहण करें।
हरियाली अमावस्या पर सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाएं
हरियाली अमावस्या प्रकृति को कुछ देने का पर्व है। इस दिन प्रकृति की हरियाली बनाए रखने के लिए कम से कम एक पौधा किसी मंदिर में या किसी सार्वजनिक जगह पर लगाएं। साथ ही उस पौधे की देखभाल करने का संकल्प लें।
पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करें
अमावस्या पर घर के मृत सदस्यों के लिए श्राद्ध और तर्पण आदि शुभ काम किए जाते हैं। पुरानी मान्यता के अनुसार परिवार के मृत सदस्यों को ही पितर देवता कहा गया है। अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। इस दिन पितरों के श्राद्ध और तर्पण आदि पुण्य कर्म करना चाहिए।
अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा
अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। इस बार कोरोना महामारी की वजह से किसी नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो अपने घर पर पानी गंगाजल मिलाकर स्नान करें, सभी तीर्थों का और नदियों का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से भी तीर्थ स्नान के समान पुण्य मिल सकता है। स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करना चाहिए।
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