भोपाल की सुंदरता में दाग लगाने वाली सड़कों को लेकर सीएम के तल्ख तेवर को लेकर उनकी ही पार्टी के जबलपुर से विधायक अजय विश्नोई ने चुटीले अंदाज में प्रतिक्रिया दी है। सोशल पोस्ट में लिखा कि 'धन्यभाग भोपाल की सड़कों का, मुख्यमंत्री की नजरें इनायत हो गई, उम्मीद है बाकी प्रदेश की सड़कों पर मुख्यमंत्री की नजर जल्द पड़ेंगी’।
भोपाल ही नहीं जबलपुर सहित कई प्रमुख शहरों की सड़कों में यही हाल है। पिछले डेढ़ साल से निकायों में प्रशासनिक तैनाती है। अधिकारियों पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं। जबलपुर में तो हल्की बारिश में ही सड़कें और गड्ढों में अंतर कर पाना मुश्किल हो गया है। रही सही कसर भरी बारिश में शहर में बन रहे फ्लाईओवर और सीवर के कामों ने कर दिया है। शहर के हर प्रमुख मार्ग कीचड़ और गड्ढों से स्वागत करते नजर आएंगे।
शहर की बदहाल सड़कों पर छलका विधायक विश्नोई का दर्द
पूर्व मंत्री एवं पाटन से विधायक अजय विश्नोई शहर के इसी दर्द को पोस्ट के माध्यम से साझा किया है। जबलपुर शहर में अधिकतर सड़कों का आधिपत्य नगर निगम, केंटोमेंट बोर्ड, पीडब्ल्यूडी और जबलपुर विकास प्राधिकरण के जिम्मे है। गारंटी पीरियड वाली सड़कें तक टूट गई हैं। शहर में इस कदर अनियोजित विकास के कार्य चल रहे हैं कि नई नवेली बनी सड़कों को सीवर और पाइपलाइन के नाम पर खोदा जा रहा है।
सीएम ने 20 अगस्त को भोपाल में मंत्रालय की बैठक में दिए हैं तल्ख निर्देश
यहां बता दें कि सीएम ने 20 अगस्त को भोपाल में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की थी। इसमें भोपाल की सड़कों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। सड़कों के पुनरुद्धार अविलंब करने सहित सीएम चौहान ने ये भी कहा है कि प्रदेश की सड़कों की स्थिति खराब नहीं होनी चाहिए। प्रदेश के प्रमुख शहरों में सीवर के काम एक रोड पर तीन दिन के अंदर करने के निर्देश दिए हैं। जबलपुर के अधिकारियों पर इसका असर देखने वाली बात होगी, क्योंकि यहां 14 वर्ष से सीवर का काम चलने के बाद भी अधूरा है।
- तीन पत्ती मेडिकल रोड
- 5 किमी के हिस्से में आधी सड़क फ्लाईओवर के चलते टूट चुकी है। शेष सड़क में 2000 छोटे-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। तीन साल पहले नगर निगम ने ये सड़क बनाई थी।
- नौदरा ब्रिज से घंटाघर
- राष्ट्रपति के आगमन से पहले ये सड़क नगर निगम ने बनवाई थी। इसके बाद सीवर लाइन और बिजली के कबल को अंडरग्राउंड के नाम पर खोद डाला गया। एक किमी की पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील है।
- मदनमहल से दमोहनाका
- 5 किमी की ये सड़क भी फ्लाईओवर के चलते कीचड़ और गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। रानीताल से गोलबाजार, यातायात थाने को जाने वाली सड़क की गिटि्टयां उखड़ कर बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी है।
- दशमेश द्वार से गुलौआ चौक
- 3 किमी की इस सड़क को सीवर के नाम पर खोद कर छोड़ दिया गया। तीन किमी की दूरी में दो किमी की पूरी सड़क में 500 से अधिक छोटे-बड़े गड्ढे बन चुके हैं।
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