वाटर प्लस का ताज बरकरार रखने के लिए निगम ने कवायद शुरू की है। इसमें शहर के ड्रैनेज सिस्टम समेत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य बातों का ध्यान रखा जाएगा। इसमें आयुक्त ने अलग -अलग जिम्मेदारी भी तय की है। इसके लिए अधिकारियों को नियुक्त किया गया है।
नगर निगम वाटर प्लस के अगले पड़ाव के लिए फिर से तैयारी शुरू हो गई है। इसे पहले कान्हा सरस्वती के साथ 27 नालों का पानी रोककर उसे सीधे प्लांट पर भेजने का काम शुरू किया गया था। कठिन प्रतियोगिता के बाद इसे इंदौर ने हासिल किया था। मामले में आयुक्त ने पिछले दिनों बैठक में इसके लिए कई नियम लागू किए थे, ताकि इसे बरकरार रखा जाए।
इन बातों पर देंगे ध्यान
- सभी घरों के ड्रैनेज सिस्टम लाइट से कनेक्टेड होने के साथ ही सेप्टिक टैंक बना होना।
- घरों के सीवरेज खुले में नहीं होना।
- सीवरेज के वाटर का सड़क निर्माण, खेती और गार्डन में इस्तेमाल हो।
- गंदा पानी सड़कों पर नहीं बहने दें। लाइनें सुचारू रूप से चालू हों।
- एप पर आने वाली शिकायतों का जल्द निराकरण हो, इस बात का ध्यान रखा जाए।
इसके साथ ही अधिकारियों की टीम समय-समय पर इन कामों की मॉनिटरिंग करते रहें। फिलहाल, निगम अभी अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई और ग्रीन बेल्ट की जमीनों के कब्जे के मामले में भी लिस्टिंग कर रहा है। इसकी जानकारी कलेक्टर ले रहे हैं।
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