सिंधी कॉलोनी के प्रॉपर्टी ब्रोकर और व्यापारी तरुण रिजवानी को तीन दिन से दिख नहीं रहा है। तरुण के भाई ने बताया बंटी सुघवानी ने पता नहीं कौन सी जहरीली शराब बेच दी कि भाई दिनभर परेशान होता रहता है। उधर, बंटी जिन नेताओं से जुड़ा था, उनके फोटो अब वायरल हो रहे हैं। बंटी ने नेताओं के नाम पर आयोजन किया और पूरे लॉकडाउन में शराब बेची। उसने अपने परिचित कुछ बेरोजगारों को भी इसमें जोड़ा है। बंटी के साथ पकड़ाया नवीन देवास का रहने वाला है। नवीन ने वहां के भी लोगों को शराब बेची है।
राहुल धार, देवास से कम रेट में शराब लाने की बात कहता
जिस बंटी उर्फ राहुल बोराड़े नाम के युवक की संदिग्ध हालात में मौत हुई है, वह ब्लैकरों से कहता था कि इंदौर में सिंडिकेट के कारण माल बहुत महंगा हो चुका है। इसलिए वह धार और देवास की वाइन शॉप से कम रेट में शराब लाता है और यहां सस्ते में बेचता है। यह बात पुलिस से पूछताछ में राहुल से शराब खरीदने वाले आरोपी पंकज सूर्यवंशी ने कबूली है। राहुल ही मांधाता (खरगोन) के शराब माफिया कालका प्रसाद का इंदौर में बड़ा तस्कर था।
पुलिस को उसकी और कालका की 250 से ज्यादा बार कॉलिंग की रिपोर्ट मिली है। एएसपी प्रशांत चौबे के अनुसार, पंकज हर दूसरे-तीसरे दिन गोपुर चौराहे पर राहुल से डिलीवरी लेता था। राहुल हर बोटल पर 100 रुपए मुनाफा कमाकर पंकज को देता था। पंकज उस पर 100 से 150 का मुनाफा जोड़कर बार वालों को बेचता था।
एक आबकारी अधिकारी से भी जुड़ रहे तार
एएसपी का कहना है कि मामले में रतलाम के एक संगठन के अध्यक्ष का नाम भी जहरीली शराब कांड में आया है। उसका जेल में बंद आबकारी अधिकारी से कनेक्शन था। अधिकारी ने धार में नौकरी के दौरान उसे शराब की कालाबाजारी में उतारा था। अध्यक्ष अभी फरार है।
रजिस्ट्रेशन नंबर में मिला अंतर
जिस ब्रांड की बोतल में जहरीली शराब बेची गई, उस कंपनी के अफसर दो दिन से इंदौर में हैं। उन्होंने जब्त और शराब दुकानों की बोतलों को जांचा। पता चला है कि जहरीली शराब जिस बोतल में भरी गई है, उसमें बैच नंबर तो था, लेकिन रजिस्ट्रेशन नंबर का मिलान नहीं हुआ। कंपनी के अफसरों ने शहर की कुछ विवादित शराब दुकानों से भी सैंपल लिए हैं।
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