- पुरातत्व विभाग ने महल परिसर में 100 वर्गफीट का कमरा तैयार किया, बैठने के लिए साेफा, डायपर चेंजिंग टेबल भी लगाई
नवजात व् छोटे बच्चो की माताओं की सहुलियत के लिए भारतीय पुरातत्व विभाग ने जहाज महल परिसर में स्तनपान कक्ष तैयार किया है। 10 बाय 10 फीट में बने कमरे में इसकी व्यवस्था कर इसमें डायपर चेंजिंग टेबल, सोफा सेट रखा है। गर्मी से परेशानी नहीं आए इसके लिए एसी भी लगाया है। बुधवार से इसकी शुरुआत महिला पर्यटकाें के लिए की जाएगी। अब तक यहां इस प्रकार की सुविधा नहीं थी। प्रदेश में खजुराहाें के बाद मांडू में यह व्यवस्था की गई है। दरअसल मांडू पर्यटन नगरी हाेने से राेजाना 10 से 15 हजार पर्यटक पहुंचते हैं। इसमें देशी व विदेशी पर्यटक भी आते हैं। इस साल की शुरुआत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने महिला पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां एक बेबी फीडिंग रूम बनाने की घोषणा की थी। इस पर अमल भी कर दिया गया है। अब जहाज महल देखने के लिए अपने नवजात शिशुओं के साथ आने वाली महिलाओं काे राहत मिलेगी।
चार महिलाएं एक साथ करा सकेंगी स्तनपान
महल में घूमने में ही पर्यटकाें काे दाे से तीन घंटे का समय लगता है। ऐसे में बच्चाें काे स्तनपान कराने के लिए महिलाओं काे परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसलिए टिकट बुकिंग कक्ष के सामने एयर कंडीशनिंग बेबी फीडिंग रूम बनाया है। कक्ष में बैठने के लिए बैंच, टेबल आदि भी हैं। इस कक्ष में दो से चार महिलाएं एक साथ शिशुओं को फीडिंग करा सकती हैं। विभाग द्वारा एक महिला कर्मचारी भी तैनात की गई है।
कक्ष पहले से बना हुआ था, अब सुविधाएं जुटाई
हमारे पास कक्ष था इसलिए इसे सर्व सुविधायुक्त बनाकर यहां यह फीडिंग सुविधा शुरू कर दी है। ताकि महिला पर्यटकाें को कोई समस्या नहीं आए।
-प्रशांत पाटणकर, प्रभारी सीए, पुरातत्व विभाग, मांडू
कर्मचारी भी तैनात करेंगे
खजूराहाें के बाद प्रदेश का यह दूसरा कक्ष हम मांडू में शुरू कर रहे हैं। बुधवार से महिला पर्यटकाें काे इसकी सुविधा मिलेगी। एक महिला कर्मचारी भी तैनात की जाएगी। -डॉ. पीयूष भट्ट, अधीक्षक, भारतीय पुरातत्व विभाग भोपाल
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