हाई कोर्ट ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि ट्रांसजेंडर को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी फायदे आसानी से मिलें। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी कहा है कि वे पैरालीगल वॉलेंटियर्स के माध्यम से सर्वे कराएं और देखें कि सभी ट्रांसजेंडर के पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड बन जाएं। हाई कोर्ट ने यह आदेश ट्रांसजेंडर की समस्याओं को लेकर लगी याचिका की सुनवाई के दौरान दिए। याचिका एक ट्रांसजेंडर ने एडवोकेट शन्नो शगुफ्ता खान के माध्यम से दायर की थी।
इसमें कहा था कि ट्रांसजेंडरों के सामने जीवन यापन की समस्याएं हैं। इंदौर में करीब एक हजार ट्रांसजेंडर हैं। जो डेरों में रहते हैं उनकी आर्थिक स्थिति तो ठीक है, लेकिन जो घरों में रहते हैं उनके लिए जीवन गुजारना मुश्किल हैं। इनके पास पहचान पत्र, राशन कार्ड और आधार कार्ड नहीं हैं। इन्हें केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
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