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कोई व्यक्ति खुद को कितना भी श्रेष्ठ समझे, लेकिन सच्चाई ये है कि प्रकृति किसी को भी सर्वश्रेष्ठ बनने नहीं देती

जो लोग  खुद सर्वश्रेष्ठ समझते हैं, उन्हें एक बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि प्रकृति किसी को भी सर्वश्रेष्ठ नहीं बनने देती है। हर इंसान में कुछ न कुछ कमी होती ही है। प्रकृति ने कोयल को मधुर कंठ दिया तो उसकी सुंदरता छीन ली, दूसरी ओर मोर बहुत सुंदर है, लेकिन उसके पास कोयल जैसा मधुर कंठ नहीं है।

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