इंदौर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या द्वारा बताया गया है कि वर्षा ऋतु में मलेरिया, डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। यह बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर साफ पानी से भरे टैंक, टायर, सीमेन्ट की टंकियों, मटके, बाल्टीयों, कूलर, छत पर रखे अनुपयोगी सामान, टूटे-फूटे बर्तन, पानी से भरे पॉलीथिन में अपने अण्डे देता है, साथ ही साथ सीधे रखे खाली गमले, मटके एवं अन्य पानी से भरे बर्तन व सामान, कबाड़ियों द्वारा खुले में रखे गए सामान, पशुओं को पानी पिलाने के लिए रख गए हौज में भी एडीज के लार्वा पाए जाते हैं, जिसे आम जनता इसे पानी के कीड़े समझती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया एवं डेंगू के प्रकोप से बचने के लिये पानी को जमा न होने दें, उपयोग करने के पानी को अच्छी तरह से ढक कर रखें तथा उनमें एक छोटी चम्मच मीठा तेल डालें, बाहर गड्ढों तथा नालियों में जला हुआ तेल डाले। एडीज मच्छर केवल दिन के समय काटता है, अतः पूरी आस्तिन के कपड़े पहने, रात के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर में नीम की पत्तियों का धुंआ करें, मच्छर रोधी क्रीम व अगरबत्ती का प्रयोग करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सैत्या ने बताया कि डेंगू के प्रकोप से बचाने के लिए लार्वा तथा मच्छरों को नष्ट करने की कार्यवाही विभाग द्वारा सतत की जा रही है। आमजनता से अनुरोध है कि फॉगिंग के समय दरवाजे-खिड़कियां खुले रखें, ताकि धुआं अंदर तक जाकर घर के अंधेरे कोनों में छिपे मच्छरों को खत्म कर सके। आमजनता से निवेदन है कि सप्ताह में एक बार घर में जल जमाव वाली जगहों का निरीक्षण कर जल निकासी करें तथा घर में कूलर आदि का नियमित अंतराल में पानी बदलते रहें।
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