इंदौर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा निकलने के बाद। बुधवार को कांग्रेस ने मौन रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया। अलग-अलग विधानसभाओं से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राजबाड़ा पर एकत्रित हुए थे। यहां भी अलग-अलग विधानसभाओं से आए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शक्ति प्रदर्शन करते नजर आए। दरअसल, कांग्रेस ने धार्मिक त्योहारों और कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए राजबाड़ा से कलेक्टर ऑफिस तक मौन रैली निकाली।
इस मौन रैली के निकलने के पहले ही कांग्रेसियों का अनुशासन बिगड़ता नजर आया। रैली निकालने का समय हुआ भी नहीं था कि उसके पहले ही कुछ कार्यकर्ता आगे बढ़ने लग गए जिन्हें बाद में रोका गया। वहीं दूसरी तरफ अनुशासन में रहने के लिए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और विधायक संजय शुक्ला को मोर्चा संभालना पड़ा। पूर्व मंत्री ने आयशर पर चढ़कर माइक से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फटकार लगाई तो विधायक शुक्ला पैदल ही सबको अनुशासन में चलने का बोलते नजर आए।
कांग्रेस ने प्रशासन पर लगाए आरोप
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि प्रशासन भाजपा के राजनैतिक आयोजनों में कार्यकर्ता की तरह भूमिका निभाने लगा है। प्रशासन जन आशीर्वाद में कोरोना की तीसरी लहर को आशीर्वाद दिलवाने के लिए भीड़ करने लगा फिर कांग्रेस पार्टी का दायित्व था कि ऐसे गुलाम प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाना है। जन आशीर्वाद यात्रा निकली है तो जितने भी त्यौहार है उसकी अनुमति प्रशासन ने देना चाहिए।
मौन की जगह फैलाई अराजकता
भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का कहना है कि गुटों-गुटों में बंटी कांग्रेस टुकड़ों-टुकड़ों में इकट्ठा होकर पहुंची। कांग्रेस ने मौन की जगह चिल्ला-पुकार कर अराजकता फैलाई है, यहीं कांग्रेस से उम्मीद थी। कांग्रेस का मुद्दा धार्मिक आयोजन का नहीं है। कांग्रेस न कोविड काल में और न ही वैक्सीनेशन के वक्त जनता के बीच में रही। शहर की शांति और सौहार्द कैसे बिगाड़ा जा सके यह उनका मुद्दा है। धार्मिक त्योहारों और कार्यक्रमों को अनुमति के सवाल पर भाजपा नगर अध्यक्ष ने कहा कि सभी लोग जागरूक हैं। समय, काल और परिस्थिति को देखकर जो निर्णय लेना पड़ेगा शहर हित में सब मिलकर लेंगे।
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