कहानी - इंग्लैंड के प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइजक न्यूटन से जुड़ा किस्सा है। एक दिन वे घर से बाहर घूमने गए थे। घर में एक टेबल पर न्यूटन के कुछ खास शोध पत्र रखे हुए थे। टेबल पर लेंप जल रहा था। कमरे में उनका पालतू कुत्ता डायमंड अकेला था।
कमरे में कुत्ता उछल-कूद कर रहा था। वह उछला और टेबल पर चढ़ गया। इस वजह से लैंप गिर गया और शोध पत्रों में आग लग गई। सारे कागज जल गए। कुत्ता डर कर एक कोने में बैठ गया।
न्यूटन घूमकर घर लौटे तो उन्होंने ये सब देखा और सन्न रह गए। शोध पत्रों के रूप में उनकी वर्षों की मेहनत जल चुकी थी। एक बार उनके मन में आया कि इस कुत्ते को दंड देना चाहिए, लेकिन वे वैज्ञानिक होने के साथ-साथ दार्शनिक और ज्योतिषी भी थे। उन्होंने विचार किया कि भूल तो मेरी ही है। मुझे कागजों को इस तरह टेबल पर नहीं छोड़ना चाहिए था। लापरवाही से टेबल पर जलता हुआ टेबल लैंप नहीं छोड़ना था। मैं मनुष्य होकर भूल कर सकता हूं तो ये तो जानवर है।
न्यूटन ने अपने कुत्ते को बुलाया और उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा कि तुम नहीं जानते तुमने कितनी बड़ी भूल कर दी है। इसके बाद वे ध्यान में बैठ गए और अपनी स्मृतियों में सारा शोध कार्य याद किया और शोध पत्र तैयार किए।
सीख - जब कभी हमारा बड़ा नुकसान हो जाए तो सबसे पहले उसमें अपनी भूल ढूंढना चाहिए। अगर हमें अपनी भूल न मिले और दूसरे की भूल दिखाई दे तो केवल दंड देने से वह नुकसान पूरा नहीं होगा। व्यक्ति अगर धैर्य और शांति रखे तो उसकी स्मृति में तेज बना रहता है। इसका लाभ न्यूटन को मिला था।
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