दूसरे देशो में से मशीन या अन्य सामग्री मंगवाने वालाें काे सुप्रीम काेर्ट ने बड़ी राहत दी है। कस्टम विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद अन्य विभाग अब इनकी जांच नहीं कर सकेंगे। मप्र में हर साल औसतन दो हजार करोड़ (इंदैर में करीब एक हजार करोड़ रु.) की मशीनरी विदेशों से आती है। कस्टम विभाग से क्लियर होने के बाद भी डीआरआई व अन्य विभाग द्वारा इसमें टैक्स चोरी को लेकर केस दर्ज किए जाते हैं।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्च 2021 में जारी किए गए आदेश के बाद अब यह केस काॅल बुक (ठंडे बस्ते में) में डाल दिए गए हैं। फैसले से लाभ स्टार्टअप के तहत नए प्लांट लगाने वाले उद्यमियों को होगा, जो बाहर से मशीनरी आदि बुलाते हैं।
एक ही मामले में अलग-अलग विभाग अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकते : सुप्रीम काेर्ट
दरअसल, दो बड़ी कंपनियों ने कैमरों का आयात किया था। इन्हें एक्साइज विभाग ने क्लियरिंग दी थी, लेकिन डीआरआई द्वारा 28 (4) की धारा के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए, जिसमें तथ्यों को छिपाने की बात कही गई। इस मामले में कंपनी सुप्रीम कोर्ट गई। कोर्ट ने कहा कि जब एक विभाग ने क्लियरिंग दी है और इसमें कोई गलती हुई है तो उसी विभाग के उच्च अपील अधिकारी द्वारा कार्रवाई होगी, ना कि अन्य विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। एक ही मामले में अगल-अलग विभाग के दो अधिकारी अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकते।
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