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वन स्टॉप सेन्टर में की गई रिश्तों को बचाने की कवायद


इंदौर जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सी.एल. पासी ने बताया कि इंदौर जिले की वन स्टॉप सेंटर पर आपसी समझौते से रिश्तों में आ रही समस्यों का दुर कर काउंसलिंग के माध्यम से रिश्तों को बचाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। ऐसी ही एक कोशिश के सफल परिणाम देखने को मिले हैं। उन्होंने बताया कि विगत माह सुषमा सरोदे (परिवर्तित नाम)पति आशीष सरोदे (परिवर्तित नाम)के खिलाफ शिकायत लेकर वन स्टॉप सेंटर आयी थी। पति द्वारा मारपीटजन से मारने की धमकी देनामायके वालों के साथ बदसलूकी,दहेज की मांग से परेशान होकर ये पति से भरण पोषण चाहती थी। सुषमा के आवेदन पर परामर्शदात्री ने उनकी समस्या को सुनासमझा और समस्या को सुलझाने की सलाह दी। एकल परामर्श पश्चात सुषमा ने अपना रिश्ता बचाने की इच्छा जताई। तदोपरांत आशिष को बुलाकर उसे समझाइश दी गई। दोनों के एकल व संयुक्त परामर्श के उपरांत मामला सुलझता नजर आया। वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डॉ. वंचना सिंह परिहार द्वारा सशर्त लिखित समझौता करवाया गया और दोनों पति-पत्नी सहर्ष साथ रहने पर सहमत हुए।

      इसी तरह वन स्टॉप सेन्टर के खाते में एक और घर बचना शामिल हुआ है। जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पासी ने बताया कि 10 जून 2021 को आरुषि(परिवर्तित नाम) पति मनोज कूलवाल(परिवर्तित नाम) वन स्टॉप सेंटर पहुंची जहां उन्होंने पतिसास एवं ससुर द्वारा मारपीट व अपशब्द कहे जाने की समस्या बतायी। वे चाहती थी की इनकी समस्या का समाधान किया जाये। प्रशासक डॉ. वंचना सिंह परिहार ने आरूषि की समस्या को सुना एवं समझा तथा वन स्टॉप सेंटर पर सभी परिजनों को बुलाकर कथन करवाए। परिवार वालों के बीच कुछ बातों को लेकर असहमति और मनमुटाव के चलते पति पत्नी के बीच समस्याएं पैदा कर रहा था। वन स्टॉप सेंटर पर प्रशासक और परामर्शदात्री द्वारा सभी परिवार वालों को समझाइश दी गई। वन स्टॉप सेंटर के प्रयत्नों से दोनों पक्षों के मध्य लिखित समझौता कराया गया। जिसके पश्चात आरूषि खुशी-खुशी अपने घर रवाना हुई।

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