मध्य प्रदेश में 5 महीने में लव जिहाद के 28 केस दर्ज हुए हैं। यह जानकारी सरकार ने 9 अगस्त को विधानसभा में दी। यानी कानून लागू होने के बाद हर महीने औसतन 5 केस दर्ज हुए। प्रदेश में सबसे ज्यादा 5 केस इंदौर और सबसे कम 1 केस भोपाल में शाहजहांनाबाद थाने में दर्ज हुआ। इन मामलों में 37 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। शिवराज सरकार ने यह कानून इसी साल 9 जनवरी को लागू किया था। खास बात है, सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद 48 घंटे में ही लागू कर दिया था।
बीजेपी विधायक कृष्णा गौर ने पूछा था, मार्च 2021 से अब तक प्रदेश में लव जिहाद और जबरिया धर्म परिवर्तन के कितने प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर से बताया गया कि इस तरह के 28 केस दर्ज किए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, खंडवा व सिवनी में 3-3, शहडोल, हरदा व छतरपुर में 2-2 मामले, रतलाम, बड़वानी, सीहोर, नरसिंहपुर, शाजापुर, धार, अशोकनगर, ग्वालियर, सतना व खरगोन में एक-एक मामला दर्ज किया गया। इन मामलों में 37 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 6 जमानत पर छूटे हैं। 31 आरोपी जेल में हैं। राज्य सरकार ने लव जिहादियों पर नकेल कसने के लिए कानून बनाया है। इसमें सख्त प्रावधान किए गए हैं। नाम बदलकर प्यार के नाम पर धोखा देने और धर्म परिवर्तन करने वालों के साथ इसमें सहयोगियों के लिए भी सजा तय की गई है।
10 राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून
देश में मध्य प्रदेश सहित 10 राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून है। पहले तमिलनाडु में भी था, लेकिन 2003 में इसे निरस्त कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसके लिए कानून हैं। हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान में 5 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। SC-ST और नाबालिग के मामले में ये सजा 7 साल की है, जबकि मध्य प्रदेश में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इन अपराधों के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
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