रविवार को इंदौर के बाणगंगा इलाके में जिस चूड़ी वाले की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था, उसके पास दो आधार कार्ड मिले थे। इंदौर पुलिस इसकी जांच के लिए उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के बिलगाम पहुंची। यहां पता चला कि तस्लीम उर्फ अस्लीम नाम के युवक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए दो आधार कार्ड बनवाए थे। इसके अलावा, आरोपी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी करवाई गई। इसके बाद उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
इंदौर पुलिस ने तस्लीम के परिवार से जब बातचीत की, सामने आया, कुछ सालों पहले तस्लीम को प्रधानमंत्री आवास योजना से मकान का आवंटन हुआ था। उस वक्त मकान तस्लीम की जगह अस्लीम नाम से आवंटित हो गया था। इस कारण युवक पहले आधार के नाम को सुधरवाना चाहता था, लेकिन उसे लगा कि इसमें समय लगेगा।
इस कारण उसने एक अन्य आधार कार्ड अस्लीम के नाम से बनवा लिया। वर्तमान में तस्लीम को योजना का मकान आवंटित हो गया है। परिवार उत्तर प्रदेश के गांव में ही रहता है। हिरासत के दौरान पुलिस को उसने यह सभी जानकरी दी। उसने बताया कि उसे नहीं पता था कि नाम में गड़बड़ी के कारण ऐसा हो जाएगा।
इंदौर में चूड़ी बेचने वाले तस्लीम को पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर था। तस्लीम के खिलाफ केस 13 साल की नाबालिग की शिकायत दर्ज करके बताया था कि चूड़ी वाले ने उसे बुरी नीयत से छुआ और हाथ पकड़ा था। इसके बाद जब वो चीखी, तो भीतर से मां आई और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने तस्लीम की पिटाई की थी। घटना का VIDEO वायरल होने के बाद एक समुदाय के लोगों ने थाने को घेर लिया था और पिटाई करने वालों पर कार्रवाई की मांग की थी।
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