- बाधा तोड़ने के लिए लगाए निशान
बड़ा गणपति से कृष्णपुरा पुल तक स्मार्ट रोड को 60 फीट चौड़ी करने के लिए वनखंडी हनुमान मंदिर के पास 150 साल पुरानी इमारत खतरे में आ गई है। यहां के व्यापारियों का आरोप है कि स्मार्ट सिटी कंपनी की टीम ने इस इमारत को 10 से 11 फीट तोड़ने के लिए निशान लगा दिया है। इससे ब्रिटिश और मराठा शैली में बनी पूरी इमारत ही ढहने का खतरा है। इंदौर जनरल लाइब्रेरी किराएदार संघ के अध्यक्ष डॉ. विजय सहज ने बताया कि इस इमारत का ऐतिहासिक महत्व है। इस भवन में राजबाड़ा का न्यायालय लगता था और रेसीडेंसी ऑफिस भी संचालित होता था।
इसके बाद महाराजा यशवंत राव होलकर ने इसे इंदौर जनरल लाइब्रेरी को दे दिया जो लंबे समय तक संचालित हुई। इसके बाद किताबों में दीमक लगने से लाइब्रेरी को पास के एक अन्य भवन में शिफ्ट कर दिया गया। इस भवन के नीचे दुकानदारों को एक रुपए के स्टाम्प पर दुकानें दी गई थीं। पिछले दिनों स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस रोड को 60 फीट चौड़ा करने के लिए निशान लगाए हैं और 2 सितंबर तक का समय दिया है। तोड़फोड़ की जद में भवन का 10 से 11 फीट हिस्सा आ रहा है।
व्यापारी बोले- 10-11 फीट हिस्सा तोड़ा तो पूरी बिल्डिंग गिर जाएगी
व्यापारियों के मुताबिक, स्मार्ट सिटी कंपनी ने गोपाल मंदिर, गांधी हॉल, लक्ष्मी मंदिर सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन मुख्य चौराहे की इस बिल्डिंग पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस भवन की दीवारें ही डेढ़ फीट चौड़ी हैं, अगर एक तरफ से 11 फीट हिस्सा तोड़ दिया जाएगा तो पूरी बिल्डिंग ही कमजोर होकर गिर जाएगी।
अब तक जहां सड़कें चौड़ी की, वहां हो चुके हैं अतिक्रमण
व्यापारियों ने कहा कि इस रोड को 60 फीट चौड़ा किया जाना ही गलत निर्णय है। अब तक स्मार्ट सिटी कंपनी ने जो भी रोड चौड़े किए हैं, वहां ठेलेवालों और फेरीवालों के कब्जा हो चुके हैं। इसके चलते सड़क की चौड़ाई ही नहीं बचती। इससे बेहतर होगा कि यहां से फेरीवालों को हटाकर वाहन पार्किंग ही बना दी जाए, ताकि पूरी रोड पर अवैध पार्किंग बंद हो सके।
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