इंदौर के दशहरा मैदान पर दशहरे पर बनने वाले रावण के निर्माण का काम का शुभारंभ सोमवार को किया। इस मौके पर परंपरानुसार पूरे विधि-विधान के साथ रावण बनाने में उपयोग होने वाले शस्त्रों का पूजन किया गया। साथ ही इसके कलाकारों का तिलक लगाकर सम्मान कर दक्षिणा भेंट की गई।
इंदौर दशहरा महोत्सव समिति दशहरा मैदान के संयोजक सत्यनारायण सलवाड़िया ने बताया शस्त्र पूजन की यह परंपरा करीब 50 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। दशहरा मैदान पर रावण-लंका निर्माण का काम शुरू किया जा रहा है। इसके चलते सोमवार को रामबाग दादावाड़ी के समीप स्कूल में शस्त्र-पूजन किया गया। इस मौके पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, पंडित कृपा शंकर शुक्ला, सुरेश मिंडा मुख्य रूप से मौजूद रहे। उन्होंने कहा हमारे पूर्वजों द्वारा स्थापित की गई इस परंपरा को निभाया जा रहा है, लेकिन कोरोना के चलते शासन-प्रशासन के नियम के कारण इसे परिसर में ही समिति रखा गया।
111 फीट का हर साल बनाते है रावण
उन्होंने बताया कि हर साल दशहरा मैदान पर रावण 111 फीट का बनाया जाता है। इस बार भी 111 फीट का ही रावण बनाया जाएगा। हालांकि कोरोना गाइड लाइन और प्रशासन के निर्देश पर फेरबदल किया जा सकता है। यहां लंका का भी निर्माण किया जाता है। लेकिन प्रशासन से निर्देश पर तय किया जाएगा कि इसका निर्माण किया जाएगा या नहीं। इसके अलावा जो अन्य गतिविधियां है वह भी प्रशासन के निर्देश पर ही तय की जाएगी। क्योंकि बीते वर्ष कोरोना गाइड लाइन के चलते सिर्फ रावण दहन ही दशहरा मैदान पर हुआ था। अन्य सभी गतिविधियां नहीं हुई थी।
21-22 दिन का लगता है वक्त
उन्होंने बताया कि रावण बनाकर तैयार करने में 15 से 17 दिन का वक्त लगता हैं। जिसके बाद तैयार रावण को दशहरा मैदान में खड़ा करने में 4 से 5 दिन का वक्त लगता है। इधर, सोमवार को पंडित गोपाल पुजारी के सान्निध्य में शस्त्र पूजन कर रावण-लंका निर्माण का शुभारंभ किया गया। वहीं रावण बनाने वाले कलाकारों को तिलक लगाकर सम्मान कर उन्हें दक्षिणा भेंट की गई है। इसके साथ ही अब रावण बनाने का काम शुरू किया जा रहा हैं। इस मौके पर राजाराम बोरासी, नारायण यादव, जौहर मानपुरवाल आदि मौजूद रहे।
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