मंगलवार, 28 अक्टूबर का दिन खगोल विज्ञान की दृष्टि से बहुत खास रहेगा। इस दिन सूर्य लगभग 12 घंटे दिखाई देगा यानी दिन और रात लगभग बराबर 12-12 घंटे के रहेंगे। भोपाल की खगोलविद् सारिका घारू के मुताबिक इस घटना को इक्वीनॉक्स कहा जाता है।
आमतौर पर 20 मार्च और 23 सितंबर को इक्वीनॉक्स वाले दिन माने जाते हैं, लेकिन ये पूरी तरह से सही नहीं है। इक्वीनॉक्स का खगोलीय महत्व यह है कि इस घटना में दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। दिन और रात बराबर होने की घटना इन तारीखों से कुछ दिन पहले या कुछ दिन बाद होती है।
मंगलवार को 24 घंटे में से सूर्य करीब 12 घंटे दिखेगा और बाकी 12 घंटे में वीनस, जूपिटर, मून और अन्य तारे अलग-अलग समय में दिखाई देंगे।
दिन-रात का समय अलग-अलग क्यों होता है?
पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेईस अंश झुकी हुई है और सूर्य की परिक्रमा करने के कारण पृथ्वी के अलग-अलग भागों पर सूर्य की किरणों का एंगल साल में हर दिन अलग-अलग होता है। इससे दिन की अवधि बढ़ती या घटती रहती है। मंगलवार के बाद दिन छोटे और रात बड़ी होने लगेगी।
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