इंदौर में माहेश्वरी समाज की एक संस्था द्वारा अनूठी पहल की है। इस संस्था ने अंतिम संस्कार के लिए अर्थी ले जाने के लिए स्वर्गारोहण सीढ़ी तैयार करवाई है, जिन्हें इंदौर के 15 मुक्तिधामों में रखवाया जाएगा। यह स्वर्गारोहण सीढ़ी सभी समाज के लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी। फिलहाल यह सीढ़ियां इंदौर में ही एक फैक्ट्री में तैयार करवाई जा रही है। खास बात यह है कि यह सीढ़ियां फोल्डिंग वाली है। इससे एक व्यक्ति भी इसे टू व्हीलर गाड़ी पर आसानी से ले जा सकता है।
यह संस्था है श्री अन्नपूर्णा क्षेत्र माहेश्वरी समाज, जिसके अध्यक्ष मनीष बिसानी ने यह पहल की है। वे बताते है कि संस्था द्वारा कोरोना काल से काफी सेवा काम किए हैं। इस दौरान देखने में आया था कि गमी के दौरान परिवार के लोगों ने भी एक-दूसरे के यहां जाना बंद कर दिया। इस बीच पुणे के पास एक गांव में उन्होंने इस सीढ़ी को देखा और वहां से दो सीढ़ियां इंदौर बुलवाईं। इसके साथ ही ब्राह्मणों और पंडितों से भी इसे लेकर बात की। हालांकि उन्हें पंडितों ने बताया कि स्टील की इस सीढ़ी का उपयोग में कोई समस्या नहीं है। इसके बाद इंदौर में ही इन स्वर्गारोहण सीढ़ियों को तैयार करवाया जा रहा है। इन्हें फोल्डेबल बनाया जा रहा है ताकि दो पहिया वाहन पर आसानी से एक व्यक्ति भी ले जा सके। फिलहाल 31 स्वर्गारोहण सीढ़ियां तैयार की जा रही है।
मुक्तिधाम में ऐसे मिलेगी स्वर्गारोहण सीढ़ी
उन्होंने बताया कि यह स्वर्गारोहण सीढ़ियां तैयार होने के बाद इंदौर के 15 मुक्तिधामों में इसके प्रचार के लिए बोर्ड और नंबर अंकित किए जाएंगे। मुक्तिधाम में लकड़ी की टाल पर संचालन करने वालों को रजिस्ट्रर भी दिया जाएगा। जिसमें स्वर्गारोहण सीढ़ी लेने वाले का नाम, एड्रेस और फोन नंबर लिखने के साथ ही उनके आधार कार्ड की कॉपी भी ली जाएगी। इसके बाद उन्हें यह सीढ़ी उपलब्ध करवाई जाएगी। आगामी दिनों में 15 मुक्तिधाम जिसमें पंचकुईया मुक्तिधाम, जूनी इंदौर मुक्तिधाम, रामबाग मुक्तिधाम, तिलक नगर मुक्तिधाम, रीजनल पार्क मुक्तिधाम सहित अन्य मुक्तिधाम में 2-2 स्वर्गारोहण सीढ़ियां उपलब्ध करवाई जाएगीं। सबसे पहले दो सीढ़ियां पंचकुईया मुक्तिधाम पर दी जाएगी। खास बात यह है कि यह सभी समाज के लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएगी।
इंदौर में ही तैयार की जा रही सीढ़ियां
महाराष्ट्र से बुलवाई इन स्वर्गारोहण सीढ़ियों को अब इंदौर में ही एरोड्रम स्थित एक फैक्ट्री में तैयार करवाई जा रही हैं। हालांकि इसमें कुछ बदलाव भी किया है। ताकि अर्थी सजाते वक्त कुछ वस्तु उससे ना गिरे। बिसानी ने बताया की एक स्वर्गारोहण सीढ़ी की कीमत 6 से साढ़े 6 हजार रुपए है, जिसे इंदौर में ही तैयार करवाया जा रहा है। जबकि महाराष्ट्र (पुणे के समीप एक गांव) से बुलवाने पर इसकी कीमत साढ़े 7 हजार रुपए आई। उन्होंने बताया कि स्टील की स्वर्गारोहण सीढ़ी तैयार किए जाने से पर्यावरण पर भी इसका असर पड़ेगा। देखा जाए तो अब कई स्थानों पर कंडे पर दाह संस्कार किया जा रहा है। जबकि अर्थी सजाने में दो मुख्य बांस का इस्तेमाल होता है, जिसकी कीमत करीब नौ सौ रुपए आती है। जबकि यह सीढ़ी लोगों को नि:शुल्क उपलब्ध हो सकेगी।
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