ऑनलाइन गेम खेलने की लत जान लेने के साथ कंगाल भी कर रही है। रविवार काे एक छात्र की ऐसे ही गेम खेलते-खेलते माैत हाे गई। वहीं लॉकडाउन में पढ़ाई के लिए उपलब्ध कराए परिजनों के मोबाइल का गलत इस्तेमाल बच्चे कर रहे हैं। अभिभावकों से छिपकर वह गेम खेलते हैं। इसके लिए बकायदा रिचार्ज भी करते हैं।
इससे परिजनों के अकाउंट भी खाली हो रहे हैं। पिछले तीन माह में साइबर सेल के पास ऐसे 24 केस पहुंचे हैं। परिजनों का मानना था कि उनके साथ ठगी हुई है। लेकिन जब जांच की गई तो सामने आया कि यह ठगी नहीं है। घर के बच्चों ने ऑनलाइन गेम खेल लाखों रुपए लूटा दिए हैं।
वार्ड 7 के राम नारायण ने दाे दिन पहले पुलिस काे एक आवेदन दिया, उन्हाेंने बताया अकाउंट से एक लाख 56 हजार रुपए की ठगी हुई है। पुलिस ने जब इस मामले की जांच की ताे मामला ऑनलाइन गेम का निकला। एेसा एक और मामला पुलिस के पास खातेगांव क्षेत्र से ओम पाटीदार का भी पहुंचा। उनके अकाउंट से 25 हजार रुपए गायब होने की बात सामने आई। दोनों ही मामलों की जांच की तो सामने आया कि बच्चों ने गेम खेले हैं, जिसके कारण अकाउंट से रुपए कट गए हैं। खुद के बच्चे का मामला होने के कारण अभिभावक बगैर कार्रवाई लौट गए।
नादान गुनहगार... पबजी, फ्री फायर गेम खेलने के लिए बच्चाें ने अभिभावकाें से छिपकर किया रिचार्ज
यह है ठगी का तरीका... नए टास्क मिलते ही बच्चे कराते हैं रिचार्ज
साइबर सेल ने जब इन केसाें की स्टडी की ताे चाैंकाने वाली जानकारी सामने आई है। यह सभी मामले ऑनलाइन गेम से जुड़े हुए मिले। इसमें प्ले स्टोर के माध्यम से ऑनलाइन फ्री फायर गेम एवं पबजी डाउनलोड किए और खेलना शुरू कर दिया। गेम में मिलने वाले नए टास्क को पूरा करने के लिए 10 से लेकर 5000 तक रिचार्ज किया, वह भी परिवार काे बिना बताए। जब इस हकीकत का पता अभिभावक को पता चलता है तो वह बाद में बिना कार्रवाई के लौट गए।
ऐसे खुलासा: घर के सभी मोबाइल को जांचा, खुली छोटी करामात
पुलिस के पास लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही है कि हमारे साथ ठगी हुई है। साइबर सेल गंभीरता से जांच शुरू की। आवेदन देने पहुंचे लोग यही बताते हमारे साथ ठगी हुई है। पुलिस ने सवाल किया कि किसी को ओटीपी बताया था तो उनका कहना होता। ऐसा कभी नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस जांच की सुई परिवार के मोबाइल पर केंद्रीत की। सामने आया कि बच्चों ने गेम खेलने के लिए एक्स्ट्रा क्वाइन के ऑफर में टॉपअप के लिए रिचार्ज कराया।
स्कूल बंद, बच्चों के हाथ में मोबाइल और अभिभावक व्यस्त, नतीजा- अकाउंट खाली
लाॅकडाउन के कारण सभी स्कूल कुछ दिनाें पहले तक बंद होने के कारण स्कूल के टीचर द्वारा ऑनलाइन क्लास ली जाती रही थी। इस कारण अभिभावकाें द्वारा अपने-अपने बच्चों की आनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल, टेब एवं लैपटाप के माध्यम से संचालित हुई, पर कुछ बच्चों के द्वारा आनलाइन गेम फ्री फायर गेम एव पब्जी गेम की लत लग गई। अभिभावक को यह लगता रहा कि बच्चे पढ़ रहे हैं। इसलिए वह ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए। अभिभावक भी अपने-अपने काम में व्यस्त रहे। इस कारण से यह समस्याए भी बढ़ी है।
पालक यह रखें सावधानी, बच्चों को टॉपअप वाले गेम से दूर रखें
- टॉपअप वाले गेम से बच्चों को दूर रखना चाहिए। बच्चे उनमें लेवल पार करने की होड़ में यह कर रहे हैं।
- अभिभावक बच्चों को वह मोबाइल न दें, जिसमें बैंक खाता लिंक हो।
- समय-समय पर अकाउंट चैक करें। पैसे किस अकाउंट में जा रहे हैं। इसका ध्यान रखें।
- मोबाइल पर आने वाली किसी भी लिंक को क्लिक न करें क्योकि वह लिंक पूर्णत: फर्जी रहती है।
(जैसा साइबर सेल के विशेषज्ञों ने बताया)
एक्सपर्ट व्यू : ऑनालाइन क्लास खत्म होते ही बच्चों से ले लें मोबाइल, उन पर नजर भी रखें
इस समय बच्चाें की ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। इसलिए क्लास खत्म हाेते ही सबसे पहले माेबाइल ले लें। गेम बनाने वाली कंपनियाें ने इस तरह के गेम बनाए हैं, जिसे पूरा करने के लिए बच्चाें में नशा हाेने लगा है। जब तक गेम खत्म नहीं हाेता, वह उसमें लगे रहते और अगली स्टेप पर चले जाते, फिर खेलने लगते। घंटाें तक माेबाइल पर गेम खेलने से इसकी किरणाें से ब्रेन और आंखे भी खराब हाे रही हैं। माेबाइल काे प्रतिदिन चेक करें, उसने क्या डाउनलाेड किया है। माता-पिता काे पूरी तरह से माॅनिटरिंग करना हाेगी, तभी बच्चाें काे गेम की लत से बचाया जा सकेगा। माेबाइल में अच्छी बातें भी आती हैं, उस तरफ बच्चाें का ध्यान डायवर्ट करें। मां की भी गलती है, वह छाेटे बच्चाें काे राेते ही माेबाइल थमा देती है, जिससे उसे लत लग जाती है। बच्चे माेबाइल की वजह से हिंसक भी हाे रहे हैं। यह चिंता की बात है परिजनों को इस बारे में गंभीरता बरतना होगी।
-डाॅ. विजया सकपाल, मनाेचिकित्सक, जिला अस्पताल
हमारी साइबर टीम लगातार काम कर रही है
यह सही है कि बच्चों के ऑनलाइन गेम खेलने से अभिभावकों के अकाउंट से रुपए कटने के मामले सामने आ रहे हैं। साइबर टीम ऐसे मामलों पर लगातार नजर बनाए हुए है और जांच भी कर रही है। लेकिन जब खुद के बच्चों से ही पैसे कटने की बात सामने आती है तो अभिभावक भी कार्रवाई से पीछे हट जाते हैं। उन्हें चाहिए कि वह अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें।
- डॉ. शिवदयाल सिंह, एसपी, देवास।
0 टिप्पणियाँ